कोटद्वार: चुनाव भले ही अगले साल होने हैं, लेकिन जिस तरह से क्रिकेट में ओपनिंग ठीक होने पर स्कोर अच्छा हो जाता है। उसी तरह राजनीति में भी राजनीतिक दल और नेता अपनी पारी की शुरूआत दमदार ढंग से करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। भाजपा, कांग्रेस का भले ही एक विकेट गिरा चुकी है। लेकिन, भाजपा में भी आपसी खींचातान खूब नजर आ रही है। ऐसी ही खींचातान लैंसडौन विधानसभा में भी देखने को मिली है।
दरअसल, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसांई ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने क्षेत्र में कोई काम नहीं किया गया है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह तक कह दिया था कि अगर मौका मिला, तो वो राजनीति में आने के लिए भी तैयार हैं। उनके इस बयान के बाद कई तरह के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि अनुकृति गुसांई ने हरक सिंह रावत के कहने के पर इस तरह का बयान दिया होगा। हरक और विधायक दिलीप रावत के बीच दूरियों के बारे में सभी जानते हैं। उनके बीच दूरियां मेयर के चुनाव में विधायक दिलीप रावत की पत्नी को मैदान में उतारने के दौरान ही होने लगी थी। चुनाव हारने के बाद दोनों एक-दूसरे से काफी दूर हो गए।
अनुकृति गुसाईं ने बयान पर विधायक दिलीप रावत ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र है. कोई कुछ भी कह सकता है. मेरे विकास कार्यों का प्रमाण-पत्र वहां की जनता ने देना है, किसी व्यक्ति विशेष को नहीं। विधायक दिलीप रावत ने कहा है कि उनकी किसी से कोई शिकायत नहीं है और ना ही वो किसी से उपेक्षा रखते हैं।
उन्होंने कहा कि वो किसी व्यक्ति विशेष की बातों का जवाबदेही नहीं हैं, सिर्फ अपनी विधानसभा की जनता की जवाबदेही है। चुनाव के दौरान जनता के सामने अपने 10 सालों के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की बात रखूंगा। दिलीप रावत के बयान से साफ है कि वो पीछे नहीं हटने वाले हैं। वहीं, इससे एक बात और साफ है कि लैंसडौन विधानसभा में आने वाले समय में बहुत बड़े बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं।