भुवनेश्वर: मौसम विभाग ने एक ऐसी जानकारी दी है, जिसके बाद दो राज्यों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। चक्रवाती तूफान गुलाब आज देर रात तक ओडिशा के गोपालपुर और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम तटों के बीच टकरा सकता है। ऐसे में इन तटों पर और आसपास रहने वालों लोगों को दिक्कतें हो सकती हैं। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान गुलाब वर्तमान में गोपालपुर से 180 किमी दक्षिण पूर्व में स्थित है। सबसे ज्यादा आशंका इस बात की है कि यह आंध्र प्रदेश के कलिंगपट्टनम और ओडिशा के गोपालपुर के बीच देर शाम से आधी रात तक लैंडफॉल बनाएगा।
चक्रवात गुलाब के खतरे को देखते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मैंने ओडिशा भवन में चक्रवात गुलाब पर एक बैठक की और आवश्यक सावधानियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि 10 जिलों में इस तूफान का प्रभाव सबसे अधिक रहने की संभावना है।
पाकिस्तान ने इस तूफान का नाम गुलाब रखा है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य से यह तूफान उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। यह देर शाम तक आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों से जाकर टकराएगा। भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया कि चक्रवर्ती तूफान के तहत आंध्रप्रदेश और ओडिशा के लिए चेतावनी जारी की गई है। आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय मोहपात्र ने बताया कि चक्रवाती तूफान के प्रभाव से लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवा चलने का अनुमान है।
केंद्रीय कैबिनेट सचिव गौबा ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की 18 टीमों को दोनों राज्यों के तटीय क्षेत्रों में तैनात किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि आपात स्थिति में अतिरिक्त टीमों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने कहा कि जहाजों और विमानों के साथ सेना और नौसेना के बचाव और राहत दल भी तैनात किए गए हैं। ओडिशा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सात जिलों- गजपति, गंजम, रायगढ़ा, कोरापुट, मल्काजगिरि, नबरंगपुर और कंधमाल- को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
क्योंकि भारत के मौसम विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान बनने का पूर्वानुमान लगाया है। आईएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक तूफान दक्षिणी ओडिशा और पड़ोसी आंध्र प्रदेश के तट की ओर बढ़ सकता है। अगले तीन दिनों के दौरान समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी और ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में मछुआरों को 25 से 27 सितंबर तक बंगाल की खाड़ी के पूर्वी-मध्य और उत्तरपूर्वी क्षेत्र में समुद्र में जाने से मना किया गया है।