जोशीमठ में उपचार, पुनर्निर्माण व प्रभावितों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार 1079.96 करोड़ रुपये की धनराशि देगी। इस धनराशि को अगले तीन सालों में तीन किस्तों में दिया जाएगा। ये जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग के निदेशक आशीष वी गवई ने राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा को पत्र भेजकर दी है।
इस साल दी जाएगी 500.73 कोरड़ की धनराशि
बता दें कि भू-धंसाव से जूझ रहे जोशीमठ को इस साल केंद्र 500.73 करोड़ की धनराशि राशि देगा। इस पर सचिव आपदा प्रबंधन डा. सिन्हा ने कहना है कि अब जोशीमठ में तेजी से कार्य होंगे। बता दें कि पिछले साल जनवरी में जोशीमठ में भू-धंसाव तेजी से हुआ था। भू-धंसाव की चपेट में जोशीमठ का एक बड़ा हिस्सा आया है। जिसको देखते हुए सरकार द्वारा 800 से अधिक आपदा प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थाई पुनर्वास के लिए भेजा था।
राज्य सरकार ने 1658.17 करोड़ की कार्ययोजना का भेजा था प्रस्ताव
भू-धंसाव के कारण देश ही नहीं पूरी दुनिया की निगाहें जोशीमठ पर थी। इसी बीच देश के नामी संस्थानों की नौ एजेंसियों ने जोशीमठ में भू-धंसाव के कारणों की जांच की थी। जिसके बाद उपचार, पुनर्निर्माण व पुनर्वास से संबंधित सुझाव दिए गए थे। इसके आधार पर ही प्रदेश सरकार ने केंद्र को 1658.17 करोड़ की कार्ययोजना का प्रस्ताव तैयार कर भेजा था।
हाईरिस्क जोन को रखा जाए खाली
जोशीमठ के हाईरिस्क जोन को खाली रखने के केंद्र ने निर्देश दिए हैं। केंद्र ने ये भी कहा कि प्रभावितों को दी जाने वाली राशि उनके बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की जाए। इसके साथ ही राज्य सरकार भी कार्यों की निगरानी को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ ही निगरानी तंत्र विकसित करेंगे। बता दें कि हर तीन महीने में केंद्र को कार्यों का उपयोगिता प्रमाणपत्र भी भेजा जाएगा।