जोशीमठ आपदा को दो महीने से भी ज्यादा समय हो गया है। बातों में और दुनियावालों के लिए जोशीमठ में हालात सामान्य हो गए हैं। लेकिन जमीनी हकीकत जोशीमठ में लगातार बढ़ती और चौढ़ी होती दरारें बयां कर रही हैं।
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जोशीमठ में लागातार चौढ़ी हो रही हैं दरारें
जोशीमठ में जमीनी हकीकत लगातार बढ़ती और नई दरारें कर रही हैं। जोशीमठ में बीते दो दिन लगातार हुई बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बारिश का पानी दरारों में जाने के कारण दरारें और भी चौढ़ी हो गई हैं। इसके साथ ही बारिश ने भू-धंसाव की चिंता और बढ़ा दी है।
शिलाओं पर लगाए गए टेक हुए ढीले, बड़ी आबादी पर मंडराया खतरा
जिन शिलाओं को बचाने के लिए उनपर जो टेक लगाए गए थे वो भी अब ढीले हो गए हैं। जिससे शिलाएं कभी भी गिर सकती हैं। जिससे निचले स्थानों पर रह रहे लोगों पर दोहरा खतरा मंडराने लगा है। इन शिलाओं पर लगाए गए टेक ढीले होने से रामकलूड़ा कॉलोनी, जेपी कॉलोनी और मारवाड़ी की बड़ी आबादी पर खतरा मंडराने लगा है।

जोशीमठ आपदा के समय अधिकारी लगा रहे थे चक्कर लेकिन अब कोई नहीं सुध लेने वाला
जोशीमठ में जब आपदा आई थी तो मीडिया के पहुंचने के साथ सभी अधिकारियों ने जोशीमठ का रूख किया था। लेकिन अब जोशीमठ पहुंच रही है तो सिर्फ राहत सामाग्री। इसके अलावा कोई अधिकारी वहां नहीं पहुंच रहे हैं।
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जिससे सवाल उठता है कि क्या मीडिया के वहां पहुंचने के कारण ही वहां अधिकारी पहुंच रहे थे। क्या मीडिया के ना होने के कारण जोशीमठ की कोई सुध नहीं ले रहा है।
फिर बढ़ने लगी है भू-धंसाव की चिंता
जोशीमठ के हालातों को कागजों में और बातों में तो सामान्य ही बताया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत दिन पर दिन बढ़ती दरारें बता रही हैं। बताया जा रहा है कि जोशीमठ खाली कराए गए मकानों में तो दरारें बढ़ ही रही है। इसके साथ ही नई दरारें भी देखने को मिल ही है। जिससे एक बार फिर चिंता बढ़ गई है।
भू-धंसाव के बीच कैसे सुरक्षित कराई जाएगी चारधाम यात्रा
जल्द ही प्रदेश में चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है। जोशीमठ चारधाम यात्रा का एक अहम पड़ाव है। लेकिन यहां बड़ा सवाल ये है कि अगर भू-धंसाव अब भी जारी है और लगातार बढ़ रहा है तो ऐसे में चारधाम यात्रा को सुरक्षित कैसे कराया जाएगा। कैसे यहां तमाम व्यवस्थाएं की जाएंगी।