हल्द्वानी: उत्तराखंड में आई आपदा के बाद अब संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है और अलग-अलग जगहों में मेडिकल कैंप भी लगाए जा रहे हैं। नैनीताल जिले में अभी तक डेंगू के 15 मामले सामने आ चुके हैं जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग खासी सावधानी बरत रहा है। डेंगू और आपदा ग्रस्त इलाकों से संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।
एसीएमओ नैनीताल के मुताबिक डेंगू को देखते हुए पहले ही सावधानी बरती जा रही है लेकिन, आपदा आने के बाद आपदा ग्रस्त इलाकों में जगह-जगह मेडिकल कैंप भी लगाए जा रहे हैं, जिससे संक्रामक रोगों के बढ़ने पर रोक लगाई जा सके क्योंकि जिले में कई जगह ऐसी हैं जिन जगहों में पानी रुका हुआ हो सकता है और उस पानी से रोगों के फैलने की आशंका बढ़ सकती है, स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक लालकुआं के आसपास कई इलाके ऐसे हैं जो डेंगू और मलेरिया के लिहाज से काफी संवेदनशील हैं, लिहाजा हर जगह दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है।
एसीएमओ नैनीताल के मुताबिक आपदा प्रभावित इलाकों में संक्रमण तेजी से फैल रहा था, इसको देखते हुए तुरंत मेडिकल कैंप लगाए गए हैं और प्रभावित लोगों को दवाइयां भी दी जा रही है, स्वास्थ्य विभाग की टीम अभी भी रिलीफ कैंप में जा रही है। प्रभावित लोगों का चेकअप भी किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की स्थिति सावधानी बरत रहा है कि इस मौसम में और आपदा के बाद से डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया और निमोनिया तेजी से फैल सकता है, इसलिए कोशिश यही है की जल्द से जल्द आपदा प्रभावित इलाकों में जाकर बढ़ते संक्रमण पर काबू पा लिया जाए।
आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की करीब 1000 टीमें आपदा ग्रस्त इलाकों में काम पर जुटी हुई है और वह बढ़ती बीमारियों के प्रभाव को देखते हुए अलर्ट मोड पर रहकर काम कर रही हैं। आपदा ग्रस्त इलाकों में अब राहत बचाव कार्य के बाद संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है, बदलते मौसम के साथ ही स्वास्थ विभाग के लिये यह एक बड़ी चुनौती है कि आपदा के बीच संक्रामक रोगों को फैलने से रोका जाए।