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उत्तराखंड में एक और बहुप्रतिक्षित सड़क परियोजना का काम जल्द शुरु हो सकता है। इसके लिए बजट मंजूर हो गया है।
उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हरिद्वार में रिंग रोड के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। हरिद्वार रिंग रोड के निर्माण के लिए 800 करोड़ रुपए का बजट भी मंजूर कर दिया गया है। इस पूरी परियोजना का अनुमानित बजट तकरीबन 2000 करोड़ रुपए आंका गया है।
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दरअसल मौजूदा वक्त में रुड़की से बिजनौर जाने के लिए हरिद्वार से होकर निकलना पड़ता है। ऐसे में हरिद्वार में ट्रैफिक का दबाव बढ़ता है। स्नान पर्वों पर खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चंडी पुल पर ऐसे समय में हमेशा ट्रैफिक जाम मिलता है। लेकिन रिंग रोड बनने के बाद इस मुश्किल से छुटकारा मिल जाएगा। उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री रहे और हरिद्वार विधायक रहे मदन कौशिक ने इस संबंध में गंभीर पहल की। हालांकि उस समय इस रिंग की कुल लंबाई कम थी। 18-20 किमी तक ही इस रिंग रोड का डिजाइन बन पाया था।
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दरअसल प्रस्तावित रिंग रोड का बड़ा हिस्सा वन भूमि से गुजर रहा है लिहाजा वन विभाग से मंजूरी जरूरी थी। हाल ही में संपन्न हुई वन्य जीव बोर्ड की बैठक में 48 किमी की रिंग रोड को मंजूरी दे दी है। इसके बाद रिंग रोड के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। हरिद्वार रिंग रोड का निर्माण सितंबर – अक्टूबर से शुरु होने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस रिंग रोड का काम शुरुआती दौर में इरकान के जरिए कराया जाएगा। पहले चरण में बहादराबाद बाईपास से श्यामपुर थाना क्षेत्र के अंजनी चौकी एनएच 74 तक काम होगया। पर समाप्त होगा। इससे हरिद्वार-दिल्ली हाईवे के वाहन सीधे नजीबाबाद-हरिद्वार हाईवे के लिए यातायात कर पाएंगे।
इस परियोजना के तहत राज्य का सबसे लंबा पुल बनाने की तैयारी भी है। रेल और भारी वाहनों के लिए पुलों का निर्माण भी होना है। ऐसे में ये राज्य की सड़क परियोजनाओं में से एक अहम योजना साबित हो सकती है।