देहरादून: सीएम धामी बद्रीनाथ दौरे पर गए थे। इस दौरान उनसे हरक सिंह रावत के कांग्रेस में जाने की चर्चाओं के बारे में भी पूछा गया। उन्होंने अपने बयान में कहा कि चुनाव में इस तरह की बातें होती रहती हैं। यह कोई बड़ी बात नहीं है। पार्टी में तीन विधायक शामिल हुए, लेकिन हमने उसकी कोई चर्चा नहीं की।
सीएम के इसी बयान को कुछ लोगों ने चटपटा बनाकर पेश कर दिया। सोशल मीडिया में तैर रही खबरों को देखकर ऐसा लगता है कि सीएम धामी को जानबूझकर विवादों में उलझाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने अपने बयान में ब्लैकमेलिंग जैसे शब्द का कहीं कोई प्रयोग नहीं किया। लेकिन, जो बयान पेश किए जा रहे हैं, उनमें ऐसा बताया जा रहा है कि सीएम धामी ने बागियों को ब्लैकमेलर कहा होगा। सवाल यह है कि सीएम धामी को विवादों में कौन उलझाना चाहता है?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुर्सी संभालने के बाद से लगातार काम कर रहे हैं। अपने अब तक के कार्यकाल के दौरान चाहे युवाओं के लिए नौकरियों ऐलान हो या फिर अन्य योजनाओं की शुरूआत। उन्होंने शानदार काम किया है। राज्य में आई आपदा में सीएम धामी पहले दिन से ही मोर्चा संभाले हुए हैं। राज्य में जब आपदा के लिए अलर्ट जारी किया गया था। सीएम धामी अयोध्या में थे। उन्होंने पहले तो वहीं से मुख्य सचिव को फोन किया और फिर वहां से लौटकर खुद ही आपदा विभाग से लेकर अन्य विभागों को सतर्क करने में जुट गए।
आपदा से पहले और आपदा के बाद राज्य में राजनीतिक हलचलें भी हुई। तीन विधायक भाजपा में शामिल हुए। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। इन तमाम मसलों को छोड़कर सीएम धामी लगातार जनहित के कार्यों में जुटे रहे। अब तक के कार्यकाल में उनका एक भी बयान ऐसा सामने नहीं आया है, जिस पर किसी ने सवाल खड़े किए हों। ऐसा नहीं है कि उनसे सवाल नहीं पूछे गए। पूछे गए, लेकिन उन्होंने हर सवाल का गंभीरता से और संतुलित जवाब दिया।