देश में महामारी प्रभावित 2020 के दौरान आर्थिक अपराधों की संख्या में 12 फीसदी गिरावट देखने को मिली। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ‘क्राइम इन इंडिया-2020’ रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल आर्थिक अपराधों से जुड़े कुल 1,45,754 मामले सामने आए थे। 2019 में यह आंकड़ा 1,65,693 था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में जालसाजी और धोखाधड़ी के कुल 1,27,724 मामले दर्ज किए गए थे। आर्थिक अपराधों के कुल मामलों में इनकी हिस्सेदारी 88 फीसदी रही।
जालसाजी
इस दौरान आपराधिक विश्वासघात के 17,358 और जालसाजी (काउंटरफिटिंग) के 672 मामले सामने आए। पिछले साल देशभर में आर्थिक अपराधों के मामलों में कुल 1,18,965 लोग गिरफ्तार हुए। एनसीआरबी का कहना है कि मामलों में गिरावट पुलिस के बेहतर प्रदर्शन की ओर इशारा कर रहे हैं।
महानगरों में दिल्ली नंबर वन
2020 में 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले 19 मेट्रोपॉलिटन शहरों में आर्थिक अपराधों की संख्या 2019 के 33,979 से 21% घटकर 26,970 रही। दिल्ली में सबसे ज्यादा 4,445 मामले आए। मुंबई 3,927 मामलों के साथ दूसरे और जयपुर 3,217 के साथ तीसरी व लखनऊ 2,224 मामले के साथ चौथे स्थान पर रहा। हालांकि, जयपुर में इसकी दर सबसे ज्यादा 104.7% रही। लखनऊ में यह 76.7% व पटना में 49.7% रही।
पांच साल में आर्थिक अपराध के मामले
वर्ष | संख्या |
2016 | 1,43,524 |
2017 | 1,48,972 |
2018 | 1,56,268 |
2019 | 1,65,693 |
2020 | 1,45,754 |
सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है तेलंगाना
राज्य | दर(%) |
तेलंगाना | 34.6 |
असम | 28.4 |
केरल | 25.8 |
राजस्थान | 23.6 |
हरियाणा | 23.3 |