त्योहारी सीजन को देखते हुए उत्तराखंड में मिलावटखोरों के खिलाफ खाद्य संरक्षा एंव औषधि प्रशासन विभाग (FDA) का सघन अभियान जारी है। सीएम धामी ने कहा है कि त्योहारी मौसम में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाजार में बिक रहे मावा, पनीर, घी, दूध और मिठाइयों की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी रखी जाए ताकि मिलावटखोरी पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
सभी जिलों में सघन छापेमारी अभियान जारी
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, डॉ. आर. राजेश कुमार ने त्योहारी सीजन में अपर आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) ताजबर सिंह जग्गी को निर्देशित किया है कि सभी जिलों में निरंतर निरीक्षण और छापेमारी अभियान चलाया जाए।
राज्य के सीमावर्ती जिलों में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है ताकि बाहरी राज्यों से नकली और बिना मानक खाद्य सामग्री की आपूर्ति पर रोक लगाई जा सके। विभागीय टीमें मोबाइल वैन के माध्यम से तेजी से सैंपलिंग कार्य कर रही हैं। डॉ. राजेश ने कहा कि प्रयोगशालाओं को निर्देश दिए गए हैं कि सैंपलों की जांच शीघ्रता से की जाए, जिससे दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तुरंत सुनिश्चित हो सके।
त्योहारी सीजन में जांच की रफ्तार तेज
आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब्स लगातार बाजारों में जाकर मावा, खोया, पनीर, मिठाई और तेल जैसे उत्पादों की मौके पर जांच कर रही हैं। विभागीय टीमें प्रदेश के हर जिले, कस्बे और प्रमुख बाजारों में सैंपलिंग कर रही हैं ताकि हर उपभोक्ता तक सुरक्षित, शुद्ध और गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थ पहुंच सकें। सरकार का स्पष्ट संदेश है “मिलावटखोरी के खिलाफ कोई रियायत नहीं, उपभोक्ता की सेहत सर्वाेपरि।” है।
चारधाम यात्रा मार्गों समेत इन जिलों में FDA की पैनी नजर
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों के साथ चारधाम यात्रा मार्गों और पर्यटन स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। इन क्षेत्रों में अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं, जो मावा, पनीर, घी और मिठाइयों के सैंपल एकत्र कर प्रयोगशालाओं में जांच हेतु भेज रही हैं। जांच में दोषी पाए जाने वाले प्रतिष्ठानों के विरुद्ध तत्काल सीलिंग, लाइसेंस निरस्तीकरण और जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है।
भगवानपुर में पकड़ी गई नकली डेयरी उत्पादों की खेप
खाद्य सुरक्षा विभाग एवं पुलिस की संयुक्त टीम ने आज सुबह लगभग 5 बजे भगवानपुर के बालेकी युसुफपुर गांव में एक वाहन को रोककर जांच की। वाहन में बिना गुणवत्ता प्रमाणीकरण और स्वास्थ्य मानकों के पनीर सप्लाई की जा रही थी। जांच में यह भी पाया गया कि उत्पादों पर किसी प्रकार का एफएसएसएआई मानक अंकन या लेबलिंग नहीं थी, जो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
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टीम ने मौके पर ही उत्पादों को जब्त कर वाहन चालक और सप्लायर के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया। अपर आयुक्त ने बताया कि भगवानपुर क्षेत्र में नकली डेयरी उत्पादों की आपूर्ति करने वाले गिरोहों पर विभाग की विशेष नजर है। आने वाले दिनों में लगातार कार्रवाई की जाएगी।
ऋषिकेश में भी मिली नकली घी और मिल्क पाउडर की खेप
इसी क्रम में ऋषिकेश में भी खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की। एक वाहन को रोककर जांच की गई, जिसमें 5 क्विंटल क्रीम, 35 किलोग्राम घी और 50 किलोग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर सप्लाई करते हुए पाया गया। इन सभी उत्पादों के पास गुणवत्ता प्रमाण पत्र या अनुमोदन दस्तावेज नहीं थे।
टीम ने मौके पर उत्पाद जब्त किए और नमूने जांच हेतु भेज दिए हैं। प्रारंभिक जांच में संभावना है कि ये उत्पाद अन्य राज्यों से अवैध रूप से लाए गए नकली उत्पाद हैं। विभाग ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी और दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।