देहरादून: यशपाल आर्य के कांग्रेस में वापसी के बाद भले ही कांग्रेस में घमासान मचा हो, लेकिन यशपाल आर्य फिलहाल शांत हैं। उनका सार्वजनिक रूप से फिलहाल कोई बयान नहीं आया है, लेकिन फेसबुक पर उनकी पोस्ट काफी कुछ बयां बर रही है। उन्होंने एक पोस्ट लिखी है, जिसके कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं।
यह पोस्ट कांग्रेस में वापसी के एक दिन बाद की है। पोस्ट पूर्व सीएम हरीश रावत के घर में उनके पुंचने के बाद उनको जो स्वागत किया गया है, उस वीडियो के साथ की गई हे। उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव और मेरे बड़े भाई हरीश रावत के घर, भाभी रेणुका रावत का ऐसे स्वागत करना लगा कि एक बड़े कार्य को अंजाम देने के लिए मुझे और बेटे को तिलक लगाया है।
यशपाल आर्य ने आगे लिखा है कि मैं हमेशा तैयार हूं। इससे एक बात तो साफ है कि हरीश रावत ने एक बयान दिया था, जिसकी सियासी गलियारों में जकर चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा था कि उनकी इच्छा राज्य का सीएम किसी दलित को देखने की है। लोग यशपाल आर्य की वापसी को इससे जोड़कर देख रहे हैं।
हालांकि, हरीश रावत का क्या प्लान है, यह वही बता सकते हैं। उनके समर्थक उनको मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग करते आ रहे हैं। ऐसे में दलित सीएम का सवाल फिलहाल यहां फिट नहीं बैठता है। लेकिन, एक बात तो साफ है कि कांग्रेस ने दलित कार्ड खेलने के साथ तराई में अपने आपको मजबूत कर लिया है।
एक बात और है कि तराई में किसानों के प्रभाव को देखकर यशपाल आर्य के सियासी गणित को भी उनकी वापसी से जोड़ा जा रहा है। किसानों में जबर्दस्त नाराजगी देखने को मिल रही है। यशपाल आर्य भी अच्छी तरह से जानते हैं कि लखीमपुर खीरी की घटना के बाद किसानों में कितना गुस्सा है। उसको भांपते हुए उन्होंने भाजपा छोड़ फिर से कांग्रेस का दामन थाम लिया।