अगर पेट्रोल के महंगे दाम से परेशान हो गए हैं और किसी कारण से नई सीएनजी कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो सीएनजी में स्विच करने से पहले कुछ जरूरी बातें जान लें। इस समय बाजार में ग्राहकों के लिए नॉर्मल सीएनजी के अलावा टाटा मोटर्स की iCNG ऑप्शन्स में उपलब्ध है। ऐसे में बहुत से लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि किस गाड़ी पर दांव लगाया जाए? आपको परेशान होने की जरुरत नहीं, आज हम आपको बताएंगे कि नॉर्मल और iCNG में क्या फर्क (CNG Vs iCNG) है और किस गाड़ी को खरीदने में फायदा है?
क्या होती है iCNG?
iCNG में आई का मतलब होता है Intelligent और आई सीएनजी कार का फायदा यह है कि ये कार कम सीएनजी होने पर ऑटोमैटिकली पेट्रोल में स्विच हो सकती है। वहीं, अगर गैस लीकेज हुई तो आई सीएनजी टेक्नोलॉजी तुरंत सीएनजी सप्लाई को बंद कर देती है। इसका मतलब इंटेलिजेंट सीएनजी गाड़ी में आग लगने का चांस भी कम हो जाता है।
क्या होता है दोनों में अंतर?
iCNG वाली कार में इलेक्ट्रिक मोटर भी दी जाती है जो इंजन के साथ काम करती है। इससे ये फायदा होता है कि कार एक्स्ट्रा पावर देती है जिससे स्पीड और माइलेज में सुधार होता है।
CNG Vs iCNG : क्या है दोनों में फर्क ?
नॉर्मल की तुलना icng वाली कार 10 से 15 फीसदी तक ज्यादा माइलेज ऑफर करती है। उदाहरण के लिए अगर नॉर्मल cng से चलने वाली कार अगर एक किलोग्राम सीएनजी में 20 किलोमीटर का माइलेज दे रही है तो वहीं दूसरी ओर icng कार के साथ 22 से 23 किलोमीटर प्रति किलोग्राम का बढ़िया माइलेज मिलता है।
नॉर्मल की तुलना icng कार ज्यादा पावर देती है नॉर्मल की तुलना है iCNG के साथ बेहतर माइलेज का फायदा मिलता है। नॉर्मल की तुलना है iCNG कार का फायदा यह है कि ये गाड़ी कम प्रदूषण फैलाती है।