गनीमत रही कि वहां से इस दौरान कोई वाहन नहीं गुजर रहा था। लोग पहले ही खड़े हो गए। लेकिन बड़ा हादसा हो सकता था जिसकी जिम्मेदार कहीं न कहीं हाइवे पर चार धाम सड़क परियोजना में लगी कंपनी है क्योंकि इस दौरान कोई भी कर्मचारी वहां मौजूद नहीं था जिससे कई लोगों की जिंदगियां खतरे में थी। कंपनी जिस तरह से चार धाम यात्रा सड़क परियोजना मे अंधाधुंध दोहन व बेतरतीब चट्टानों को काटा गया है वह आम जनमानस के लिए मौत का सफर बन गया है। आलम यह है कि डेंजर जोनो पर कोई भी कर्मचारी तैनात नही है जो राहगीरों को इतला करा पाये।