देहरादून : उत्तराखंड में 2022 में विधानसभा चुनाव है। जीत हासिल करने के लिए भाजपा और अन्य विपक्षी पार्टियों ने कमर कस ली है। पार्टी छोड़ने और नई पार्टी का दामन थामने का दौर जारी है। कई लोगों ने भाजपा छोड़ी और कांग्रेस जॉइन की तो कइयों ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का हाथ थामा।वहीं आप में भी कई लोगों ने सदस्यता ली। वहीं बता दें कि भाजपा में एक और नया चेहरा शामिल हुआ है जिसने लोगों की धड़कनें बढ़ा दी है खास तौर पर विपक्षी पार्टियों की।
दिवंगत वित्त मंत्री प्रकाश पंत के बेटे सौरव पंत ने रखा राजनीति में कदम
जी हां बता दें कि दिवंगत वित्त मंत्री प्रकाश पंत के बेटे सौरव पंत ने भी अब राजनीति में अपना पैर रख दिया है। जी हां सौरव पंत को भारतीय जनता युवा मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष की एक अहम जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। सौरभ को लेकर सियासी दलों में हलचल भी साफ दिखाई दे रही है। बता दें कि वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद से ही उनके बेटे सौरभ पंत की राजनीति में आने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन साल भर कोई हलचल नहीं दिखाई दी और न ही कोई खबर आई। लेकिन अब आखिरकार भाजपा में युवा मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी उनके कंधे पर सौंपी गई है।
किसी भी कार्यक्रम में पिता के साथ कभी दिखाई नहीं दिए सौरभ
बता दें कि प्रकाश पंत के बेटे सौरभ पंत ने बीटेक की डिग्री हासिल की है। सौरव हमेशा से ही पिता के रहते राजनीति से हमेशा दूर रहे और वो किसी भी कार्यक्रम में पिता के साथ कभी दिखाई नहीं दिए। जब उनके पिता प्रकाश पंत का निधन हुआ तब उनके राजनीति में आने की खूब खबरें आई लेकिन वो सच साबित नहीं हुई। हालांकि वो सामाजिक कार्यों में डटे रहे। सौरव नेकोरोना काल में जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराया बल्कि प्रवासियों को घर भेजने के लिए भी काफी मदद की जिसके बाद अब सौरव ने भारतीय जनता युवा मोर्चा की सदस्यता ली है।
पिता के नक्शे कदम पर चला बेटा सौरव
आपको जानकारी के लिए बता दें कि दिवंगत प्रकाश पंत ने भी भाजपा जनता युवा मोर्चा से ही अपने राजनीती की शुरुआत की थी और राजनीति में कदम रखा था। पिता के नक्शे कदम पर अब बेटा सौरव भी चल पड़ा है। सौरभ पंत का कहना है कि वो जनता की अपेक्षा पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे। जिला उपाध्यक्ष का दायित्व लेने के बाद सौरभ ने कहा है कि वे संगठन की मजबूती के साथ ही पार्टी की सेवा का लक्ष्य लेकर राजनीति में आए हैं। उनके भाजपा युवा मोर्चा में सम्मिलित होने के बाद से ही एक बार फिर सियासी दलों में हलचल दिखाई दे रही है और राज्य की सबसे बड़ी पार्टी अब युवा नेताओं को सम्मलित कर पार्टी को मजबूत करने में जुटी हुई है।