रुड़की: लक्सर में आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहुंचे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलकर चुनावी जमीन तलाशने की कोशिश की। हरीश रावत ने कहा कि ग्लेशियर के टूटने से बनी झील की वहां के लोगों ने सरकार को दूसरे ही दिन जानकारी दे दी थी। लेकिन, सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया था। अब जाकर सरकार ने उसे स्वीकार कर लिया है। किसानों को लेकर हरीश रावत ने कहा कि किसान से जवान से और नौजवान से जो भी लड़ा, उसका घमंड चूर-चूर हुआ है।
सरकार को चाहिए कि उन 3 कानूनों को वापस लिया जाए, जिन्हें किसान अपना विरोधी मान रहे हैं। हरीश रावत द्वारा उत्तराखंड के सीएम के चेहरे की लगातार मांग को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने एक सुझाव दिया है, जिससे मोदी बनाम कांग्रेस का लाभ बीजेपी ना उठा सके और लोगों को कैंडिडेट बनाम कांग्रेस को चुनने का मौका मिले। सुझाव देने का अधिकार सभी कार्यकर्ताओं का है। पार्टी के अपने-अपने तौर-तरीके होते हैं। उनके चलते पार्टी अपना काम करेगी।
उन्होंने कहा कि आपदा में हुई मृतकों की संख्या के मामले में सरकार के आंकड़ों को मानना चाहिए। उसमें 10 से 20 कम ज्यादा हो सकते हैं। मृतकों की संख्या के बारे में कुछ नहीं कहना चाहूंगा। अभी रेस्क्यू वर्क चल रहा है। मैं कोई कठोर टिप्पणी नहीं करना चाहता। लक्सर से चुनाव लड़ने की बात पर उन्होंने जवाब दिया कि लक्सर तो लक्सर है। हरिद्वार का दिल है, जब मैं यहां 15 दिन में एक बार आता था। अगर तब चुनाव नहीं लड़ा तो इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अब यहां चुनाव लड़ूंगा।
हरिद्वार सांसद द्वारा सड़कों के शिलान्यास को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरे आने के बाद निशंक का दौरा एक बार फिर होगा और वह इसका शिलान्यास फिर करेंगे। उन्होंने जिन सड़कों और पुलों का शिलान्यास किया है। उनका शिलान्यास तो हम पहले ही कर चुके हैं, जिन पर सरकार ने 4 साल से कोई काम नहीं किया। अब उसके बाद दो बार निशंक ने शिलान्यास किया है। वह चाहे आम खेड़ी का पुल हो या कोई और। सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह शिलान्यास करते रहेंगे जमीन पर कार्य करना बीजेपी की प्राथमिकता नहीं है।