रामनगर- उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है। खासतौर पर पहाड़ी जिलों में…आए दिन बीमार और गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ताजा मामला रामनगर का है जहां राम दत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय में एक गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे उसके जुड़वा बच्चो की मौत का मामला तूल पकड़ रहा हैं।इस मामले को लेकर बीते दिन विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने अस्पताल के खिलाफ प्रदर्शन किया। जच्चा बच्चे की मौत के लिए अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की हैं। बीते रोज सल्ट के देवायल से एक गर्भवती महिला को यहां के संयुक्त चिकित्सालय में लाया गया था लेकिन अस्पताल के डॉक्टर्स ने उसे इलाज देने के बजाय हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया। हल्द्वानी पहुंचने से पहले ही महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चों की मौत हो गई।
जनता के बेहतर इलाज के लिए इस अस्पताल को सर्वम शुभम कम्पनी को ppp मोड में दिया गया है। लेकिन इस कंपनी के आने के बाद से यहां की स्वास्थ्य सुविधाएं और भी चौपट हो गई हैं। जिससे जनता में रोष बढ़ता चला जा रहा है। लगातार लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जिला सम्न्वयक अधिकारी बोले-नहीं मिली सूचना
वहीं अब देवायल (सल्ट) की मंजू देवी की मेटरनल डेथ पर जिला सम्वयक अधिकारी 108 आपातकालीन सेवा अल्मोड़ा कमल शर्मा द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी अल्मोड़ा को दिये गये स्पष्टीकरण में बताया गया है कि देवायल (सल्ट) में 29 जून, 2021 को मंजू देवी को सीएचसी देवायल (सल्ट) से रामनगर स्थान्तरण किया गया लेकिन इस मामले में पीड़िता के परिवार द्वारा 108 आपातकालीन सेवा के केन्द्रीय कार्यालय देहरादून में कोई सूचना नहीं मिली। अतः 108 आपातकालीन एम्बूलेंस द्वारा सेवा नहीं दी जा सकी। जिला सम्न्वयक अधिकारी 108 आपातकालीन सेवा अल्मोड़ा द्वारा बताया गया कि 108 आपातकालीन एम्बूलेंस द्वारा सेवा नहीं दी जा सकी। पूर्णतः क्रियाशील अवस्था में देवायल (सल्ट) में तैनात थी। परंतु एम्बुलेंस के लिये सूचना न मिलने के कारण एम्बुलेंस द्वारा सेवा नहीं दी जा सकी।