मसूरी: कोरोना केमामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रोजाना कोरोना के 1000 से अधिक मामले आने लगे हैं। बावजूद, लोग कोरोना को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई है। बर्फबारी देखने बड़ी संख्या में पर्यटक भी पहुंच रहे हैं। ये तो सही है कि पर्यटक आने चाहिए, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इससे कोरोना का खतरा नहीं है? पर्यटक स्थलों पर ना तो सोशल डिस्टेंंिसंग नजर आ रही है और ना ही कहीं कोरोना के दूसरे नियमों को पालन होता नजर आ रहा है।
मसूरी के बुरांशखंडा, धनोल्टी, कद्दूखाल, सुरकंडा देवी, काणाताल बर्फ की सफेद चादर से ढके हुए हैं। बर्फ देखने के लिए लिए देहरादून, हरिद्वार, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब समेत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। वहीं, सड़क पर बर्फ जमने और पर्यटकों की भीड़ के कारण दिनभर जाम लग रहा है। बुरांशखंडा से धनोल्टी तक वाहन रेंगते हुए पहुंच पा रहे हैं।
एसडीएम धनोल्टी लक्ष्मीराज चौहान ने बताया कि धनोल्टी में एक फीट से अधिक हिमपात हुआ है। बुराशखंडा से धनोल्टी, बटवालधार, कद्दूखाल, काणाताल तक सड़क से बर्फ हटाने के लिये कई जेसीबी लगाई गई हैं। अगर मौसम साफ रहता है तो अगले पांच-छह घंटों में धनोल्टी-चंबा मार्ग से बर्फ हटाकर यातायात बहाल हो सकता है। कहा कि रात को पाला गिरने से मुश्किलें बढ़ रही हैं।
इन सब दिक्कतों से बड़ी मुश्किल इस बात की है कि कहीं पर भी पर्यटकों की कोरोना जांच नहीं की जा रही है। पिछले दिनों औली में रोप-वे के 27 कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव आने का मामला सामने आ चुका है। कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद रोप-वे संचालन बंद करना पड़ा।