देहरादून: रैगिंग को लेकर सख्त कानून बनाया गया है। कॉलेजों में एडमिशन से पहले छात्रों से रैगिंग नहीं करने का शपथ पत्र भी लिया जाता है। बावजूद, रैगिंग के मामले सामने आते रहते हैं। ताजाम माला देहरादून में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज का है। दून मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के छात्र से रैगिंग का मामला सामने आया है। किसी ने प्राचार्य को गुमनाम पत्र लिखकर इस बारे में शिकायत की है।
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इसकी शिकायत की गई, जिसके बाद हड़कंप मच गया। प्राचार्य ने जांच कमेटी गठित कर गोपनीय जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुार किसी छात्र ने प्राचार्य को शिकायती पत्र भेजकर वरिष्ठ छात्रों द्वारा रैगिंग किए जाने की शिकायत की है। ई-मेल के जरिए भी प्राचार्य को अवगत कराया गया है। शिकायत करने वाले ने पत्र और ईमेल में अपने नाम का जिक्र नहीं किया है।
मामला करीब दो हफ्ते पहले का बताया जा रहा है। रैगिंग की सूचना से कॉलेज प्रशासन भी हरकत में आ गया है। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना की ओर से जांच कमेटी गठित कर गोपनीय तरीके से मामले की जांच कराई जा रही है। जांच कमेटी में शामिल अधिकारियों ने मामले की तह तक जाने के लिए एमबीबीएस के जूनियर छात्रों के प्रतिनिधियों के साथ ही वरिष्ठ छात्रों से भी पूछताछ की है।
शुल्क घटाने को लेकर चल रहे एमबीबीएस छात्रों के आंदोलन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जिसमें यह बात सामने आई है कि जूनियर छात्र-छात्राओं को जबरन इस आंदोलन में शामिल होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस संबंध में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है। डॉ. सयाना के मुताबिक प्राथमिक जांच में रैगिंग की पुष्टि नहीं हुई है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। कॉलेज में अनुशासन किसी भी सूरत में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। अगर रैगिंग की पुष्टि होती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।