देहरादून: सरकार ने कैग की रिपोर्ट को सदन के पटल पर पेश कर दिया है। कैग की यह रिपोर्ट वित्तीय वर्ष 2020 की समाप्ति को लेकर पेश की गई है। रिपोर्ट में कई चीजों का जिक्र किया गया हैं रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 से राजस्व में कमी आई है। कैग ने राजस्व घाटे पर चिंता जताई है। कहा है कि राजस्व प्राप्तियां राजस्व व्यय को भी पूरा नहीं कर पा रही हैं।
रिपोर्ट की खास बातें
वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक विभाग 259 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाए।
वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर 259 करोड़ रुपये सरेंडर करने पड़े।
साल 2019 के राजस्व प्राप्ति की अपेक्षा 2020 में 493 करोड़ की कमी आई।
प्रदेश की 30 राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम में 3 निगम हैं और 27 सरकारी कंपनियां शामिल हैं।
8 सरकारी कंपनियां पिछले 3 साल से अकार्यरत हैं।
यूपीए आई. ट्रांस केबल लिमिटेड (कुमाऊं मंडल विकास निगम लिमिटेड की सहायक) ।
उत्तर प्रदेश डिजिटल लिमिटेड (कुमाऊं मंडल विकास निगम लिमिटेड की सहायक)।
कुमट्रॉन लिमिटेड (उत्तर प्रदेश हित इलेक्ट्रानिक्स कॉर्पाेरेशन लिमिटेड की सहायक)।
उत्तर प्रदेश हिल फोन्स लिमिटेड (उत्तर प्रदेश हिल इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पाेरेशन लिमिटेड की सहायक)।
उत्तर प्रदेश हिल क्वार्टज लिमिटेड (उत्तर प्रदेश हिल इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पाेरेशन लिमिटेड की सहायक)।
गढ़वाल अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड (गढ़वाल मंडल विकास निगम लिमिटेड की सहायक)।
कुमाऊं अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड (कुमाऊं मंडल विकास निगम लिमिटेड की सहायक।
चार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम गढ़वाल अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड, कुमाऊं अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड, ट्रांस केवल लिमिटेड और उत्तर प्रदेश डिजीटल लिमिटेड, 2016-17 तक कार्यरत थे।
इन कंपनियों को वर्ष 2018-19 के लिए अकार्यरत के रूप में सम्मिलित किया गया है। क्योंकि इन से में कोई वाणिज्यिक गतिविधि नहीं हुई है।
सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 2015-16 से लेकर 2019-20 पांच सालों में कृषि और उधोग के अंश में कमी आई है।
कृषि अंश 9.19 फीसदी से घटकर 8.06 फीसदी रह गया।
उद्योग का अंश 47.66 फीसदी से घटकर 46.19 फीसदी पर आ गया।