उत्तरकाशी : उत्तरकाशी में भाजपाइयों को अपने ही विधायक पर भरोसा नहीं है औऱ इसी के चलते भाजपाइ भीड़ जमा करके डीएम के पास पहुंचे। दरअसल विधायक ने बीते दिनों कई सड़क की स्वीकृत कराई थी लेकिन भाजपाइयों को विधायक पर विश्वास नहीं हुआ और इक्कट्ठे होकर सभी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गए और सड़क की स्वीकृति की बात कही। जो की काफी चौंकाने वाली बात है। अपने विधायक से बातचीत करने की जगह सीधे भाजपा के लोगों का डीएम के पास पहुंचना ये दर्शाता है कि भाजपाइयों को अपने ही विधायक पर भरोसा नहीं है।
दरअसल हुआ यूं कि गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत ने बीते दिनों कई सड़कों को स्वीकृति दिलाई थी। लेकिन भाजपाइयों को इस पर विश्वास नहीं हुआ और वो जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। डीएम के पास पहुंचकर भाजपाइयों ने उस सड़क की मांग की जिसे विधायक स्वीकृत दिला चुके हैं। उक्त सड़क के निर्माण का शासनादेश जारी हो चुका है लेकिन कुछ जाने विधायक के टिकट के कुछ दादेवार नेता कई गांववालों को लेकर डीएम कार्यालय पहुंच गये। इनमें एक भाजपा नेता, एक जिला पंचायत सदस्य और एक ब्लाक प्रमुख पति हैं। मामला जिला मुख्यालय के निकटवर्ती गांव स्यूंणा को सड़क मार्ग से जोड़ने का है जिसकी मांग ग्रामीण लंबे समय से कर रहे हैं। ग्रामीणों की इस समस्या को देखते हुए गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत ने विधायक बनते ही इस मोटर मार्ग के निर्माण की मांग को सरकार के सामने रखा और स्वीकृति दिलाई। विधायक की पहल के कारण 2020 में तेखला से स्यूंणा तक मोटर मार्ग के निर्माण को शासन से स्वीकृति भी मिल गई। ढाई किमी लंबे इस मोटर मार्ग का शासनादेश जारी होने के बाद स्यूंणा गांव को भी मोटर मार्ग से जोड़ने की राह खुल गई है।
तालमेल की कमी
फिलहाल, स्यूंणा तक सड़क निर्माण के लिए विभाग की ओर से विधिवत वन भूमि स्वीकृति की प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जिसकी प्रक्रिया गतिमान है। लेकिन इस निर्माण की मांग को लेकर भाजपाइयों के साथ गांव के लोग डीएम के पास पहुंच गए जिससे साफ है कि भाजपाइयों और उनके विधायकों के बीच तालमेल की कमी है या तो उनको विधायक पर विश्वास नहीं है।