देहरादून: राजधानी देहरादून में ठगी के कई मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला दिल्ली यूनिवर्सिटी () के रिटायर्ड प्रोफेसर को झांसा देकर किरायेदार ने उनके मकान पर ही कब्जा कर लिया। इतना ही नहीं प्रोफेसर का आरोप है कि किराएदार ने उनसे लाखों रुपये उधार भी लिए, लेकिन अब लौटाने से मुकर रहा है। पुलिस से शिकायत की, लेकिन अब कोर्ट के आदेश पर पटेलनगर कोतवाली में आरापियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार, 84 वर्षीय ज्ञान सिंह संधू निवासी हिमवती ढकोटा रोड क्लेमेनटाउन दिल्ली यूनिवर्सिटी से सेवानिवृत्त हैं। उनकी दो बेटियां अमेरिका में रहती हैं। दून में वह पत्नी के साथ रहते हैं। यहां उनका एक मकान माजरा के शक्ति विहार में है। जिसे उन्होंने 2009 में राहुल कुमार और उसकी पत्नी ममता रानी को किराये पर रहने के लिए दिया था। राहुल और ममता ने रिटायर्ड बुजुर्ग दंपती से नजदीकियां बढ़ा लीं। उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति दयनीय बताकर लाखों रुपये उधार ले लिए।
अगस्त 2018 में राहुल और ममता ने बुजुर्ग दंपती के समक्ष किराये वाले मकान को खरीदने का प्रस्ताव रखा। मकान का सौदा 75 लाख रुपये में तय हुआ। राहुल ने स्पीडएयर ब्राडकास्ट नाम की कंपनी बनाई और उसके नाम पर मकान की खरीद दिखाते हुए अनुबंध पत्र तैयार कराया। अनुबंध पत्र में राहुल ने अग्रिम धनराशि के तौर पर बुजुर्ग को 17 लाख 40 हजार रुपये देना दर्शाया, लेकिन धनराशि दिए बगैर ही उनसे हस्ताक्षर करवा लिए। इसके बाद 2020 में आरोपित ने बिना बुजुर्ग की अनुमति के मकान की छत पर किसी मोबाइल कंपनी का टावर लगवा दिया।
31 अगस्त 2020 को बुजुर्ग अपने मकान में गए तो राहुल से टावर लगवाने की वजह पूछी। इस पर राहुल और ममता मकान को अपना बताने लगे। इसका विरोध करने पर बुजुर्ग को पीटा और जान से मारने की धमकी दी। बुजुर्ग ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया तो आइएसबीटी चौकी से पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन कार्रवाई नहीं की। इसके बाद बुजुर्ग ने आरोपी दंपती पर कार्रवाई के लिए कोर्ट की शरण ली। पटेलनगर कोतवाली के निरीक्षक रविंद्र यादव ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर राहुल और ममता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।