देहरादून: 2022 की बिसात बिछ चुकी है। चुनावी समर में राजनीतिक दल पूरी ताकत से उतर चुके हैं। चुनाव में किस पर दांव लगाया जाना है, उसके लिए लगातार कसरत चल रही है। दावं उसी पर लगेगा, जो जिताऊ होगा। कांग्रेस भी पूरी तैयारी में है, लेकिन चुनाव में जीत के दावों के बीच कोंग्रेस में सीएम पद को लेकर भी अभी से खींचातान नजर आ रही है।
पूर्व सीएम हरीश रावत लाख मना करें, लेकिन यह बात कर कोई जानता है कि वो सीएम बनना चाहते हैं। इस बात को खुलकर कह भी चुके हैं। दूसरी ओर प्रीतम सिंह भी सीएम बनने का सपना देख रहे हैं। उनके समर्थक उनके समर्थन में अक्सर जनसभाओं में नारे लगाते हुए भी नजर आते हैं। लेकिन, नेता शायद यह भूल रहे हैं कि सीएम बनने के लिए उनको पहले सत्ता हासिल करनी होगी। सत्ता तभी हासिल कर पाएंगे, जब एकजुटता से चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे।
इधर, पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बाद फिर इशारों में कह दिया है कि सीएम वहीं बनेंगे। उन्होंने एक सोशल मीडिया में एक पोस्ट लिखी है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि मैं आह भी भरता हूं, तो लोग खफा हो जाते हैं। यदि उत्तराखंड के भाई-बहन मुझसे प्यार जता देते हैं तो लोग उलझन में पड़ जाते हैं। मैंने पहले भी कहा है कि हम लाख कहें, लोकतंत्र की दुल्हन तो वही होगी जो जनता रुपी पिया के मन भायेगी।
उन्होंने आगे लिखा कि मैं तो केवल इतना भर कहना चाहता हूं कि उत्तराखंड यदि मैं, आपके घर को आपके मान-सम्मान के अनुरूप ठीक से संभाल सकता हूं, तो मेरे समर्थन में जुटिये। राजनीति की डगर सरल नहीं होती है, बड़ी फिसलन भरी होती है। कई लोग चाहे-अनचाहे भी धक्का दे देते हैं, धक्का देने वालों से भी बचाइये। यदि मैं आपके उपयोग का हूं तो मेरा हाथ पकड़कर मुझे फिसलन और धक्का देने वाले, दोनों से बचाइये।