केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों ने उत्तराखण्ड सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अब बड़ा फैसला लिया है। तीर्थ पुरोहितों और व्यापार सभा केदार धाम के 26 सदस्यों ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि देवस्थान बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चार धाम के तीर्थ पुरोहितों ने बाहों पर काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन भी किया था. लगातार चार धाम के तीर्थ पुरोहित पंडा समाज के लोग पिछले कई समय से देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे हैं.लेकिन सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करने के पक्ष में दिखाई दे रही है जिसके बाद उन्होंने बड़ा फैसला लिया और सदस्यता से इस्तीफा दिया।
आपको बता दें कि बीते साल उत्तराखण्ड सरकार ने चारों धामों को अपने अधीन करते हुए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया जिसके बाद से ही तीर्थ पुरोहित भड़के हुए। इस बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित पू्र्व सीएम से भी मिले थे लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। वहीं तब से लगातार तब से तीर्थ पुरोहित इस बोर्ड का विरोध करते हुए इसे भंग करने की सरकार से मांग कर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार ने देवस्थानम बोर्ड वापस करने को लेकर अभी तक तीर्थ पुरोहितों की मांग नहीं मानी,जिससे आक्रोश होकर तीर्थ पुरोहितों ने अब ऐलान कर दिया है, वे चुनाव बहिष्कार भी करेंगे।
आज तीर्थ पुरोहितों ने भाजपा को बड़ा झटका दिया। एक साथ 26 सदस्यों ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा भी दे डाला। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 2022 में चारों धामों के पुरोहित समाज भाजपा का पूरे प्रदेश में बहिष्कार करेंगे।