चमोली : चमोली जल प्रलय ने कई जिंदगियां छीन ली। कुदरत की मार ऐसी पड़ी की कई गांव तबाहहुए, कई परिवार बेघर हो गए, कई जानें चली गई और कइयों का परिवार बिखर गया। वहीं जवानों की लापता लोगों को जान बचाने की जंग जारी है। बता दें कि टीमों का रेस्क्यू अभियान युद्ध स्तर पर जारी है। अभी तक कई मजदूरों को बचा लिया गया है। वहीं सुरंग में 35 से 40 लोगों के फंसे होने की आशंका है। वहीं खबर है कि इस सुरंग में हिमाचल के लाल एनटीपीसी कंपनी के डीजीएम जीत सिंह ठाकुर भी लापता है जो की उस वक्त सुरंग में गए थे। खबर है कि उनके साथ उनके 37 साथी भी वहां फंसे हैं। वहीं रेस्क्यू कार्य से अब केवल 100 मीटर की दूरी पर रह गए हैं।
एसडीआरएफ के कमांडेंट नवनीत भुल्लर ने जानकारी दी कि जवानों का रेस्क्यू कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। बताया रेस्क्यू में प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और लोकल वालंटियर जुटे हुए हैं। वहीं एनटीपीसी के अधिकारी राजेश डिमरी ने बताया कि सुरंग का मुंह 8 मीटर का है। रेस्क्यू टीम 90 मीटर तक पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि सुरंग का मुंह अभी भी पूरी तरह से बंद है। रेस्क्यू कार्य में भारी परेशानी आ रही है। उन्होंने बताया अंदर बंद लोगों तक पहुंचने के लिए अन्य विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं।
गौर हो कि रविवार को चमोली में आई जल प्रलय में कई जिंदगियां लील हो गई। इस जल प्रलय में अलकनंदा और ऋषि गंगा नदियों में आई बाढ़ के कारण भारी तबाही मच गई है। इस त्रासदी के कारण दो लोकेशन पर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।एक रेणी स्थित मिनी पावर प्रोजेक्ट जो की पूरी तरह से खत्म हो चुका है। तो वहीं एनटीपीसी के तपोवन स्थित पावर प्लांट में रेस्क्यू कार्य चला हुआ है। बता दें कि सेना के जवानों सहित आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवानों ने रविवार को 12 लोगों को बचाया। वहीं कई लापता लोगों को बचाने की जंग जारी है।
आपको बता दें कि सुरंग में 35 से 40 लोगों के फंसे होने की आशंका है औऱ रेस्क्यू लगातार जारी है। बताया जा रहा है कि 37 लोगों के साथ हिमाचल के जीत सिंह ठाकुर सहित अभी भी सुरंग में लापता हैं जो की उस वक्त सुरंग में गए थे।वहीं जवानों का युद्ध स्तर पर रेस्क्यू जारी है।