कोरोना का कहर कम होने के बाद सरकार ने बसों, ट्रेनों, फ्लाइट्स का संचालन शुरु कर दिया है। ट्रेन में हर दिन लाखों लोग सफर करते हैं। किराया बढ़ गया है ऐसे में लोग एसी कोच में जाने के बजाए स्लीपर कोच में सफर कर रहे हैं लेकिन बता दें कि एक ट्रेन ऐसी है जिसमे आप एसी कोच में सस्ते मेंसफर कर पाएंगे। जी हां बता दें कि इसके लिए रेलवे मे एसी कोच के किराए में कटौती कर दी है। एसी थ्री इकोनॉमी क्लास में यात्रियों के लिए किराया करीब तय हो गया है।सामान्य एसी -3 टियर के मुकाबले 8 फीसदी सस्ता होगा। प्रीमियम सुविधाओं से लैस इस नई कैटेगरी श्रेणी के एसी कोच में यात्रा के साथ एक नये युग की शुरुआत होगी।
एसी -3 इकोनॉमी क्लास कोच को ट्रेनों में लगाने जा रहा है। इसके लिए ट्रेनों से स्लीपर क्लास के कोच कम किए जाएंगे। भविष्य में गरीब रथ ट्रेनों में भी एसी -3 इकॉनोमी कोच ही इस्तेमाल किए जाएंगे। इसका मकसद स्लीपर क्लास के मुसाफिरों को कम किराये में एसी क्लास में सफर का मौका देना है।
सितंबर में हो सकती है शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहला इकोनॉमी एसी 3 टियर कोच उत्तर मध्य रेलवे के तहत स्पेशल ट्रेन 02403/02404 प्रयागराज-जयपुर एक्सप्रेस में लगाया जा सकता है और यह सितंबर में रन करेगा। इकोनॉमी एसी -3 टियर कोच कपूरथला के रेलवे कोच फैक्ट्री, रायबरेली के मॉडर्न कोच फैक्ट्री और चेन्नई के इंटिगरल कोच फैक्ट्री में बनाए जा रहे हैं। इनमें 800 से अधिक कोच चालू वित्त वर्ष में शुरू किए जाएंगे।
AC -3 टियर इकॉनोमी क्लास में बढ़ाई गई बर्थ
एसी -3 टियर इकॉनोमी क्लास में 83 बर्थ हैं। इसके लिए साइड में 2 की जगह 3 बर्थ रखे गए हैं। जबकि एसी -3 में 72 बर्थ होते हैं। यानी एसी -3 इकॉनोमी क्लास में एसी -3 के मुक़ाबले करीब 15 फीसदी ज्यादा बर्थ हैं। जिससे रेलवे को बड़ा फायदा होगा। रेलवे अपने किराये में कमी करके इसका फायदा यात्रियों को लौटाना चाहती है।
घटेंगे स्लीपर क्लास के कोच
सूत्रों के मुताबिक एसी 3 कोच को छोड़कर बाकी सभी कोच में रेलवे को हर साल 20-25 फीसदी तक घाटा उठाना पड़ता है। ऐसे में रेलवे धीरे-धीरे करके एसी 3 कोच में सुधार और टिकट की कीमतों में कमी करके इसे लोकप्रिय बनाना चाहती है। जिससे स्लीपर क्लास में चलने वाले लोग थोड़ा सा और खर्च करके एसी 3 इकोनॉमी क्लास में यात्रा कर सकेंगे। सरकार की योजना धीरे-धीरे ट्रेनों से स्लीपर क्लास के कोच कम करके उसकी जगह एसी 3 इकोनॉमी क्लास के कोच बढ़ाने की भी है।