मोसाद दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसी में शामिल है। इसे इंस्टीट्यूट इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंल के नाम से भी जाना जाता है। मोसाद को दुनिया भर में सीक्रेट ऑपरेशन को अंजाम देने में टॉप खुफिया एजेंसी माना जाता है।
मोसाद का गठन इजरायल के बनने के कुछ समय बाद ही हो गया था। इसका हेडक्वाटर तेल अवीव में है। इजरायल में एक नहीं बल्कि तीन प्रमुख एजेंसियां है। इसमें अमन, मोसाद और शिन बेट शामिल है। अमन खुफिया जानकारी देता है। मोसाद जासूसी मामलों को संभालने के लिए जानी जाती है। शिन बेट घरेलू सुरक्षा को ध्यान में रखती है।
1949 में हुई मोसाद की शुरुआत
साल 1949 में मोसाद की शुरुआत हुई थी। उस समय इसे इंस्टीट्यूट फॉर को ऑर्डिनेशन के तौर पर जाना जाता था। मोसाद दरअसल ब्रिटिश काल में फिलीस्तीन में यहूदी सेना की ही इंटेलिजेंस यूनिट थी जिसे हैगानाह के तौर पर जाना जाता था। रीयूवेन शिलोह जो इजरायल के बनने से पहले कई तरह के स्पेशल ऑपरेशंस और सीक्रेट डिप्लोमैसी में शामिल थे, वह इसके पहले डायरेक्टर बने। मोसाद के बारे में कहा जाता है कि ये अपने दुश्मनों को बड़ी बेदर्दी से खत्म करते हैं। बताया जाता है कि मोसाद के ज्यादातर एजेंट इजरायल डिफेंस फोर्सेज का हिस्सा होते हैं।
मोसाद के सबसे फेमस ऑपरेशन
बता दें कि मोसाद के सबसे फेमस ऑपरेशन में युगांडा मे हाईजैक एयर फ्रांस की उड़ान को छुड़ाना था। मोसाद ने बहुत ही जरुरी खुफिया जानकारी दी थी और इजरायली कमांडो ने एक साहसिक छापे में 100 से ज्यादा बंधकों को बचाया गया था।
इसी के साथ इजरायली वायुसेना ने इराक के ओसरिक परमाणु रिएक्टर को तबाह कर दिया था। लेकिन मोसाद ने साइट पर सीक्रेट जानकारी इकट्ठा करने में बहुत ही अहम भूमिका निभाई। इसको इजरायल के संभावित खतरे के तौर पर देखा गया था।
बता दें कि इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच पेजर विस्फोट लंबे समय से चल रहे संघर्ष का ही नतीजा है।