हल्द्वानी: देश के प्रख्यात संत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले ने हर किसी को चौंका दिया है। लोग यह मानने को तैयार नहीं हैं कि महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या की होगा। उकने सुसाइड नोट के आधार पर जांच शुरू हो चुकी है।
महंत नरेंद्र गिरी के मौत मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है। नरेंद्र गिरी जैसे महान संत ने हरिद्वार कुंभ के दौरान सरकार और संतों के बीच में बड़ी भूमिका का निर्वाहन किया था। वो संतों और सरकार के बीच सेतु का काम करते थे। उन्होंने समाज को बहुत कुछ दिया था।
मदन कौशिक ने कहा कि जिस तरह से संदिग्ध हालातों में महंत नरेंद्र गिरी की मौत हुई हैख् उसको देखते हुए इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। मदन कौशिक ने कहा कि जिस तरह से समाज में मार्गदर्शन करता है। ऐसे हालातों में किसी संत का आत्महत्या करने जैसा मामला मन में किसी और ही प्रकार के भाव को जन्म दे रहा है।