गदरपुर (महेंद्र पाल सिंह) : सिख समाज के वरिष्ठ नेता जसविंदर सिंह ने आज प्रेस वार्ता कर उनपर लगाए गए आरोपों पर सफाई दी। दरअसल सारा मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नानकमत्ता गुरुद्वारा परिसर की घटना को लेकर है जिसके बाद सिख समाज के वरिष्ठ नेता जसविंदर सिंह गिल को सिखों की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त ने उत्तराखंड के लोगों के लिए आदेश दिया है कि जसविंदर सिंह गिल को मुंह ना लगाएं और उत्तराखंड की जनता के लिए आदेश पारित किया है के जसविंदर सिंह गिल से कोई संबंध न रखें।
मुझ पर गैरजरूरी आरोप लगाकर जनता के सामने बेइज्जत किया-जसविंदर सिंह
जसविंदर सिंह गिल को अमृतसर के तक अकाल तख्त पर पेश होना पड़ा और उन पर गैरजरूरी आरोप लगाकर जनता के सामने बेइज्जत किया गया. इस पर आज जसविंदर सिंह गिल ने अपने विचार रखे हैं. जसविंदर सिंह गिल ने कहा कि उन पर आरोप लगाया गया कि वह अपनी दाढ़ी पर डाई लगाते हैं और उसे कलर करते हैं जिसके लिए उन्होंने उत्तराखंड की सिख संगत से मांग ली थी लेकिन जानबूझकर उन्हें बेइज्जत करने के लिए अमृतसर बुलाया गया और उन्हें बेइज्जत किया गया जिसका उन्होंने विरोध किया।
मेरी बात सुनी नहीं गई और एकतरफा फैसला दिया गया-जसविंदर सिंह
जसविंदर सिंह गिल ने कहा कि मुझे पक्ष रखने तक का मौका नहीं दिया गया जिस पर मैंने अपना विरोध दर्ज करवाया है, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। किसी भी घटना पर दोनों पक्षों की बात सुनी जानी चाहिए थी लेकिन मेरी बात सुनी नहीं गई और एकतरफा फैसला दिया गया जिसका मैं विरोध करता हूं। अकाल तख्त के जत्थेदार को मैं नहीं मानता और मैं सिर्फ जगतार सिंह हवारा को अपना आदर्श मानता हूं और उनको अपनी बात मैंने एक पत्र के माध्यम से लिखी है। कहा कि जगतार सिंह हवारा का जो आदेश होगा मैं उसी प्रकार और उसी सजा को भुगतने को तैयार हूं। उत्तराखंड के साथ ही क्षेत्र की सभी जनता मेरे साथ है और मेरे द्वारा किए गए विरोध को सही मानती है