केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी (Karpoori Thakur) ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का फैसला किया है। राष्ट्रपति भवन से बयान जारी कर ये जानकारी दी गई है। बयान में कहा गया है कि भारत सरकार को बताते हुए गर्व हो रहा है कि देश का सर्वोच्च नागिरक सम्मान दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को दिया जा रहा है। कर्पूरी ठाकुर एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होनें अपना जीवन साधारण रहकर लोगों की सेवा में बिताय़ा। दो बार वो बिहार के सीएम बनें और इस दौरान उनके लिए कई फैसले मिसाल बनें।
Karpoori Thakur टूटी टेबल में बैठकर सुनते थे समस्याएं
मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के मुताबिक जब कर्पूरी ठाकुर सीएम थे तो सुबह साढ़े सात बजे से लोगों की समस्याएं सुनने बैठ जाते थे। उनके सामने रखी टेबल भी टूटी होती थी लेकिन उसका उन पर कोई असर नहीं पड़ता था। उनका ध्यान लोगों की समस्याएं सुन उसके समाधान में रहता था। वह बिहार के कोने-कोने से आए लोगों की बातें बड़े ध्यान से सुनते थे। वे समस्याएं सुनतें और अफसरों को निस्तारण के लिए आदेश देते थे।
जब विदेशी पत्रकारों से मिलने बाइक से गए कर्पूरी
कर्पूरी ठाकुर का एक किस्सा काफी मशहूर है। बिहार राज्य पिछड़ा आयोग के एक पूर्व सदस्य रहे निहोरा प्रसाद ने उन्हें एक बार सुबह छह बजे बुलाया। अगले दिन तय समय पर वह सीएम आवास पहुंचे तो कर्पूरी ठाकुर ने कहा कि चलिए। तब तक सीएम की गाड़ी नहीं आई थी। इसलिए वह निहोरा प्रसाद की मोटरसाइकिल पर ही सवार हो गए। इस दौरान उनका पैर भी छिल गया। मोटरसाइकिल पर बैठकर उन्होनें निरोहा प्रसाद से बेली रोड चलने को कहा। अब रास्तें में जो भी बाइक पर सीएम को जाते देखता, वही ठिठक जाता। कुछ प्रणाम-नमस्कार करते तो कुछ अचंभे में खड़े रह जाते। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने निहोरा प्रसाद को बताया कि कुछ विदेशी पत्रकार मिलने आए हैं, जिन्हें एक होटल में ठहराया है। उन्हीं से सुबह होटल में आकर मिलने के लिए कहा था। इसलिए समय पर पहुंचने के लिए बाइक का सहारा लेना पड़ा।
Karpoori Thakur के वो फैसले जो मिसाल बने
- पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया।
- पढ़ाई में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म किया।
- मैट्रिक तक पढ़ाई को मुफ्त किया।
- बिहार में उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा का दर्जी दिया।
- अगड़ों को भी 3 प्रतिशत का दर्जा दिया।
- गैर लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को बंद किया।
- मुख्यमंत्री बनते ही उन्होनें फोर्थक्लास वर्कर पर लिफ्ट का यूज करने पर रोक हटाई।
- आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों और महिलाओं लिए आरक्षण का दिया।