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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने देहरादून में नया विधानसभा भवन बनाए जाने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हरीश रावत ने देहरादून में नए विधानसभा भवन बनाए जाने को फॉरेस्ट क्लीयरेंस देने को उत्तराखंड द्रोही कदम बताया है।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी है। उसमें उन्होंने देहरादून में नया विधानसभा भवन बनाए जाने की योजना पर सवाल उठाए हैं।
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हरीश रावत ने लिखा है कि साल वर्ष 2013 में जब तत्कालीन मंत्रिमंडल ने गैरसैंण-भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन बनाने का निश्चय किया, उसी दिन देहरादून वापस आकर कुछ लोगों ने एक दूसरे विधानसभा भवन और सचिवालय निर्माण के षड्यंत्र की नींव भी रखी और भारत सरकार से वन भूमि की क्लीयरेंस मांगी। हरीश रावत आगे लिखते हैं कि, प्रबल जीत के जश्न में डूबी हुई भाजपा और उनके जश्न से खुश हो रहा उत्तराखंड, को अनजान में रखकर इस वन भूमि के एक और विधानसभा भवन सचिवालय आदि निर्माण के लिए अनुमति प्राप्त कर दी गई है। पहले से ही भाजपा की नई सरकार के धोखे से कि भराड़ीसैंण में बजट सत्र आहूत न करने और ग्रीष्मकालीन राजधानी को महज एक धोखा बनाकर छोड़ देने से सुलग रही आग को यह प्रचंड आग में बदलने वाला कदम जिसने भी उठाया है और जिसके भी कहने पर यह उठाया गया है जो भी शक्तियां इस षड्यंत्र के पीछे हैं, वह वर्तमान सरकार की हितैषी है या नहीं है, मैं नहीं जानता। मगर वह उत्तराखंड के द्रोही अवश्य हैं।
बड़ी खबर। देहरादून में नया विधानसभा भवन बनाने को मंजूरी, यहां होगा निर्माण
आपको बता दें कि कल ही देहरादून के रायपुर इलाके में लगभग 60 हेक्टेयर भूमि पर नया विधानसभा भवन और सचिवालय भवन बनाने के लिए केंद्र ने फॉरेस्ट क्लीयरेंस दी है। इसके बाद अब राज्य में तीसरा विधानसभा भवन बनाने की तैयारी की चर्चा भी होने लगी है। राजधानी देहरादून में मौजूदा विधानसभा भवन का भवन राज्य निर्माण के समय सीडीओ भवन हुआ करता था। आनन फानन में राज्य निर्माण के बाद उसे ही विधानसभा भवन का रूप दे दिया गया। इसके बाद राज्य का नया विधानसभा भवन गैरसैंण स्थित भराड़ीसैंण में बनाया गया। भराड़ीसैंण में बना विधानसभा भवन जहां बेहद भव्य है वहीं इसे बनाने में लगभग 150 करोड़ रुपए का खर्च आया। यहां विधायकों के रहने के लिए आवास भी बनाए गए हैं। ये दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित विधानसभा भवन है।