Highlight : हरदा बोले- मुझे खुशी, मैनें पुलिस विभाग में 1200 बेटियों को भर्ती करने का आदेश दिया - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

हरदा बोले- मुझे खुशी, मैनें पुलिस विभाग में 1200 बेटियों को भर्ती करने का आदेश दिया

Reporter Khabar Uttarakhand
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देहरादून : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपनी सरकार के दौरान बेटियों के लिए किए गए फैसलों के बारे में बताया। हरीश रावत ने बताया कि उनकी सरकार के दौरान उन्होंने सीएम रहते बेटियों को पुलिस में भर्ती करने का आदेश दिया और इसी के साथ 200 महिलाओं को सब इंस्पेक्टरों के तौर पर भर्ती करने का आदेश दिया. सोशल मीडिया के जरिए पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपने सरकार के समय के कामों को गिनाया और त्रिवेंद्र सरकार पर वार किया।

हरीश रावत की पोस्ट

हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आज दुनिया महिलाओं का सम्मान करने का संकल्प लेकर महिला दिवस को मना रही है, मैंने भी आज बेटी का सम्मान कर क्योंकि बेटी परिवार भी है और संसार भी है, महिला जगत के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया है और संकल्प लिया है कि कभी अवसर रहा तो मैं उत्तराखंड के अंदर राजकीय सेवाओं में महिलाओं के लिये 50 प्रतिशत आरक्षण और गांव में घास काटने वाली जिसको त्रिवेंद्र सिंह जी ने घसियारी नाम दिया है, उनके लिये आजीविका सम्मान पेंशन लागू करूंगा या उसके लिए संघर्ष करूंगा। मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने चार विभागों में केवल महिलाओं की ही भर्ती करने के आदेश जारी किये और अच्छे नतीजे निकले। मुझे खुशी है कि मैंने, पुलिस विभाग में एकमुश्त 1200 बेटियों को भरने के आदेश दिये और 200 बेटियों को सब इंस्पेक्टर के तौर पर भर्ती करने के आदेश जारी किये।

मैंने सभी विभागों को आदेश दिया कि खाली पदों पर महिलाओं की भर्ती हो-हरदा

आगे हरीश रावत ने लिखा कि मैंने सभी विभागों को आदेश दिया कि महिला अधिकारिता से संबंधित जितने भी पद हैं, उन पदों को त्वरित गति से भरा जाय ताकि महिला सशक्तिकरण के कार्यों के क्रियान्वयन में शिथिलता आये, बहुत सारे कदम हमने उठाये जिससे महिलाओं की स्थिति बेहतर हो उनमें से एक बड़ा कदम 60 साल से ऊपर की महिला को अनिवार्य रूप से पेंशन का पात्र बनाना भी सम्मिलित है और परित्यक्ता महिला, बौनी महिला, अविवाहित महिला और विकलांग महिला के लिये विकलांग व अशक्त हो चुकी महिला के लिये पेंशन में उम्र के बंधन को मैंने समाप्त कर दिया, ताकि जरूरतमंद वृद्ध महिला को पेंशन का सहारा मिल सके और इसलिये मैंने, वृद्ध महिला पोषण आहार योजना भी प्रारंभ की और गर्भवती बेटियों के लिए अतिरिक्त पौष्टिक आहार योजना प्रारंभ की, प्रदर और खून की कमी के खिलाफ एन.आर.एच.एम. के तहत एक वार अगेंस्ट ल्यूकूरिया एंड एनीमिकनस मिशन प्रारंभ किया और भी बहुत सारे कदम उठाए हैं।

मगर अब समय आ गया है जब बड़ा कदम उठाया जाए-हरीश रावत

हरीश रावत ने आगे लिखा कि मगर अब समय आ गया है जब बड़ा कदम उठाया जाए और वो 50 प्रतिशत सरकारी पदों को बेटियों व महिलाओं के लिये आरक्षित करना है और यह मेरी योजना में पहले से सम्मिलित था, इसलिये मैंने ग्रामीण अंचलों में डिग्री कॉलेज, आईटीआई व पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज जमकर खोले क्योंकि मैं जानता था कि जब ग्रामीण बच्चे पढ़ेंगे, बेटियां पढ़ेंगी तभी हम राजकीय सेवाओं में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं, यदि महिला सशक्त, महिला खुश तो परिवार खुश। मैं, समस्त बहनों-बेटियों, पूरी महिला जगत को को आज महिला दिवस के अवसर पर ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

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