हरिद्वार: ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर को भाजपा ने एक बार फिर से मैदान में उतारा है। लेकिन, टिकट मिलते ही उनकी परेशानी बढ़नी भी शुरू हो गई हैं। कोर्ट ने रेप के आरोपों की फिर से जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने पुलिस जांच पर भी सवाल खड़े किए हैं। आदेश में कहा गया है कि जांच से ऐसा लगता है कि पीड़िता को धमकाया गया हो।
कोर्ट ने इस पूरे मामले में फिर से जांच की तीन महीने में रिपोर्ट मांगी है। विधायक सुरेश राठौर पर महिला ने रेप का आरोप लगाया था। लेकिन, बाद में मामले में मामले को समझौते के आधार पर वापस ले लिया गया था। इस मामले में पुलिस ने जांच कर फाइनल रिपोर्ट न्यायालय में पेश की थी, जिस पर सीजेएम जस्टिस मुकेश चंद आर्य की अदालत ने अंतिम रिपोर्ट निरस्त करते हुए दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।
ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर ने 2021 में अपनी एक महिला समर्थक और उसके पति पर ब्लैकमेल कर रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। मामले पर ज्वालापुर कोतवाली पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
जमानत पर जेल से छूटने के बाद महिला समर्थक ने विधायक सुरेश राठौर पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए बहादराबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया। बाद में विधायक का बयान आया कि उन्होंने महिला समर्थक को माफ कर दिया है। महिला समर्थक ने भी आरोप वापस ले लिए थे।
इस पर पुलिस ने विधायक के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाकर कोर्ट भेज दी। लेकिन, कोर्ट ने पीड़िता के पहले और बाद के बयानों पर विरोधाभास पाते हुए और अंतिम रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद रिपोर्ट निरस्त करते हुए दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट तीन महीने के भीतर मांगी गई है। कोर्ट के इस आदेश के बाद विधायक सुरेश राठौर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।