हाल ही में गैरसैंण सत्र के दौरान विधायकों के भत्ते और अन्य सुविधाएं में बढ़ोतरी की गई। लेकिन प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व विधायक गणेश गोदियाल ने बढ़े भत्ते और सुविधाएं लेने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि इसके लिए वो विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं।
बढ़े भत्ते और सुविधाएं लेने से गणेश गोदियाल ने किया इंकार
गणेश गोदियाल ने कहा है कि वो गैरसैंण सत्र के दौरान बढ़े भत्ते और अन्य सुविधाएं नहीं लेंगे। इसके लिए वो विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विधायकों, पूर्व विधायकों के वेतन, भत्ते और अन्य सुविधा बढ़ाए जाने के लिए कर्मचारी-अधिकारियों की भांति एक नियामक आयोग बनाने की मांग करेंगे।
विधायकों का वेतन बढ़ाना युवाओं को चिढ़ाने जैसा
रविवार को गणेश गोदियाल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कई विभागों में राज्य के युवा छह से आठ हजार की नौकरी कर रहे हैं। ये युवा कई सालों से वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। कई ने तो अपनी जिंदगी के कई साल यहां दे दिए। लेकिन इसके बावजूद उनका वेतन उतना नहीं है जितना उन्हें मिलना चाहिए। वो बेहद कम रूपयों में अपना घर चला रहे हैं। ऐसे में विधायकों और पूर्व विधायकों का वेतन बढ़ाना ऐसे युवाओं को चिढ़ाने जैसा है।
कम से कम 15 दिन का हो विधानसभा सत्र
जहां एक ओर उन्होंने विधायकों के बढ़े वेतन को लेकर बात की तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने सत्र की अवधि को लेकर भी एक मांग की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक हरीश धामी की पीड़ा जायज है। सत्र में इतना समय ही नहीं मिलता कि विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं पर बात कर सके। इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि सत्र की अवधि कम से कम 15 दिन होनी चाहिए। ताकि प्रदेश के सभी विधायक अपने क्षेत्र की बात सदन में रख सकें और उस पर चर्चा कर सकें।