देहरादून : कोरोना संक्रमण और इसकी तीसरी लहर के अलर्ट को देखते हुए इस साल सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा स्थगित कर दी गई है। इसको देखते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने सभी जनपदों के लिए निर्देश जारी किया है कि अगर कांवड़िए जबरन उत्तराखंड में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं तो उन्हे क्वारंटीन किया जाए। हरिद्वार, देहरादून और अन्य स्थानों पर कांवड़ियों का प्रवेश वर्जित किया गया है।
डीजीपी के सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई कांवड़िया किसी भी जनपद की सीमा प्रवेश करता है तो उसे संबंधित जनपद में स्थित क्वारन्टीन सेंटर में 14 दिन के लिए क्वारन्टीन किया जाएगा। इस निर्देशों का अनुपालन में देहरादून में नगर क्षेत्र में जैन धर्मशाला और विकासनगर क्षेत्र में वैश्य धर्मशाला को क्वारन्टीन सेन्टर बनाया गया है। उक्त क्वारन्टीन सेन्टर में जनपद की सीमा में प्रवेश करने वाले कांवड़ियों को क्वारन्टीन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त देहरादून की सीमा पर स्थित थानों और चेक पोस्टों पर समुचित संख्या में पुलिस बल को नियुक्त किया गया है, जिनके द्वारा देहरादून की सीमा में प्रवेश करने वाले प्रत्येक वाहन की सघन चेकिंग की जा रही है।
देहरादून की सीमा में स्थित चेक पोस्टों आशा रोड़ी, कुल्हाल, दर्रा रेट पर कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों के प्रवेश को रोकने के लिए 11 सब इंस्पेक्टर, 3 महिला सब इंस्पेक्टर, 02 हेड कांस्टेबल, 42 पुरुष कांस्टेबल और 10 महिला कांस्टेबल की अतिरिक्त तैनाती की गई है। साथ ही सीमा पर स्थित चेक पोस्ट आशा रोड़ी में 01 प्लाटून पुरुष पीएसी और डेढ़ सेक्शन महिला पीएसी, कुल्हाल में डेढ़ सेक्शन पुरुष पीएसी और ऋषिकेश क्षेत्र में एक प्लाटून पुरुष पीएसी को नियुक्त किया गया है।