देहरादून: 23 अगस्त से होने वाला विधानसभा का सत्र इस बार कई मायनों में खास होने वाला है। इस सत्र में जहां सीएम धामी पहली बार सदन में बतौर मुख्यमंत्री रहेंगे। वहीं, इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद नेता प्रतिपक्ष बने प्रीतम सिंह भी नेता प्रतिपक्ष के तौर पर पहली बार सदन में होंगे। इस सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष चुनाव से पहले सदन के जरिए अपनी ताकत दिखाने का मौका नहीं छोड़ेंगे।
कार्यमंत्रणा की बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेश के विकास के लिए सतत विकास लक्ष्य पर सत्र के दौरान एक दिन चर्चा करने के लिए अपनी बात रखी जिस पर की समिति के सभी सदस्यों द्वारा सहमति प्रदान की गई। कांग्रेस इस सत्र में देव स्थानम बोर्ड को निरस्त करने के लिए प्राइवेट बिल लेकर आएगी। साथ ही भू-कानून लागूं करने के लिए भी प्राइवेट बिल लाने जा रही है। इससे एक बात तो साफ है कि कांग्रेस सदन में तीखे तेवरों के साथ जमकर अपनी आवाज उठाने की प्लानिंग बना चुकी है।
सत्र के दौरान सदन के पटल पर रखे जाने वाले विधेयकों में अभी तक आईएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021, डीआईटी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 विधान सभा को प्राप्त हुए हैं। वहीं, दो असरकारी विधेयक उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक 2021, उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम् प्रबन्धन (निरसन) विधेयक, 2021 भी सदन के पटल पर रखे जाने है।
सवाल यह नहीं है कि कांग्रेस प्राइवेट बिल लेकर आ रही है। सवाल यह है कि अगर सरकार इन बिलों को स्वीकार करती है और देवस्थानम बोर्ड का रद्द कर देती है, तो इसका पूरा श्रेय कांग्रेस का जाएगा। सरकार ऐसा किसी भी हाल में नहीं होने देना चाहेगी। ऐसे में कांग्रेस के पास दोनों ही स्थिति में बड़ा मुद्दा है। कुल मिलाकर कांग्रेस ने सरकार को पूरी तरह से घेरने की तैयारी कर ली है।