देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू हुई। सत्र की शुरुआत होते ही कांग्रेस विधायक काज़ी निजामुद्दीन और केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने अपने सवालों से सरकार को घेरा। वहीं सरकार के आंकड़ों को गलत बताते हुए आकंड़ों को सही करने की नसीहत दी। इस दौरान सरकार ने गलत आंकड़ों को टाइपिंग में मिस्टेक होना बताया। सरकार बैकफुट पर नजर आई।
कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने सरकार से किया सवाल
वहीं कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने भूमिधरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा पर्वतीय औऱ मैदानी क्षेत्रों में कितनी भूमि वाले किसानों को भूमिहीन की श्रेणी में रखा गया है। उत्तराखंड के मैदानी औऱ पर्वतीय क्षेत्र में कुल कितने किसान भूमिहीन है..?.. भूमिहीन किसानों की आर्थिकी में सुधार के लिए क्या कर रही है सरकार..? वहीं संसदीय कार्यमंत्री ने इसका जवाब दिया जिससे विपक्ष असन्तुष्ट नजर आया। विपक्ष ने सरकार के लिखित जवाब के आकड़ों को गलत बताया. संसदीय कार्यमंत्री ने इसे टाइपिंग मिस्टेक बताया जिसके बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हुआ और सरकार वेकफुट पर नजर आई।
कांग्रेस विधायक काजी निज़ामुद्दीन ने उठाया धान की खरीद का मुद्दा
कांग्रेस विधायक काजी निज़ामुद्दीन ने सदन में खरीफ़ की फसल धान की खरीद का मुद्दा उठाया। कांग्रेस विधायक ने पूछा धन की खरीद का कितना लक्ष्य सरकार ने रखा है। साथ ही पूछा कि सरकार ने गत वर्ष की तुलना में अधिक धन खरीदने की योजना बनाई है?
खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री ने दिया जवाब, विपक्ष असंतुष्ट
वहीं कांग्रेस विधायक के सवाल का खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा गत वर्ष के लक्ष्य 10 लाख मी0 टन के सापेक्ष आगामी सत्र 2021-22 में 15 लाख मी0 टन धन खरीद की योजना बनाई है। वहीं सरकार के जवाब पर काजी निज़ामुद्दीन ने फिर से सवाल उठाए। कांग्रेस विधायक काज़ी निजामुद्दीन ने सरकार के आकड़ों को गुमराह करने वाला बताया। कांग्रेस विधायक ने कहा कि अगर ये आंकड़े सही हैं तो यह बहुत बड़ा घोटाला है। कांग्रेस विधायक ने सरकार को आंकड़े सही करने की नसीहत दी।
इसी के साथ सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने उठाया नियम 310 के तहत बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की। नियम 58 के तहत बेरोजगारी के मुद्दे पर सदन में चर्चा होगी.