उत्तराखंड के उधमसिंहनगर के बाजपुर ब्लॉक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मिलजुल कर तकरीबन 95 लाख का राशन ठिकाने लगा दिया। खुलासा हुआ तो विभाग में हड़कंप मच गया। जांच में दोषी पाए जाने पर तीन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं तीन के खिलाफ जांच जारी है।
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जानकारी के मुताबिक तीन आंगनबाड़ी केंद्रों सुल्तानपुर पट्टी के शिवनगर द्वीतीय, प्रीतम नगर और कनौरी प्रथम पर टेक होम राशन में गड़बड़ी की शिकायतें मिल रहीं थीं। आरोप लगा कि यहां तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने टेक होम राशन में वित्तीय अनियमितता को अंजाम दिया है। ये रकम कोई छोटी मोटी रकम नहीं थी। तकरीबन 95 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता की गई थी। इस खुलासे के बाद विभाग में हड़कंप मच गया। विभाग ने जांच बैठाई तो कुल छह आंगनबाड़ी कार्यकर्तांओं की भूमिका संदिग्ध मिली। जांच के बाद तीन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभाग ने बर्खास्त करने का फरमान जारी कर दिया गया।
नहीं दी जानकारी, चोरी का हवाला
आरोपों की जांच कर रही टीम ने जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से पूछताछ की तो उन्होंने टीम को खूब खूब गोल गोल घुमाया। टीम ने जब टेक होम राशन से जुड़े अभिलेख मांगे तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि अभिलेख चोरी हो गए। इसके बाद टीम ने जांच के दायरे में आए छह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इसके बाद तीन को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सिमरन सैफी, सुल्तानपुर पट्टी की नाहिद सुल्तान और बाजपुर की परवीन जहां को बर्खास्त कर दिया गया है। अब 95 लाख की रिकवरी के लिए राजस्व विभाग से पत्राचार किया जा रहा है।
शैक्षणिक प्रमाण पत्र भी फर्जी!
वहीं इस मामले में एक और खुलासा हुआ है। टीम को शिकायत मिली है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के शैक्षणिक प्रमाणपत्र भी फर्जी हैं। इन्ही फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर ही उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी पाई। फिलहाल अब समिति शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की भी जांच कर रही है।
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में कार्यकर्ताओं द्वारा वित्तीय अनियमितता सामने आने पर जांच कराई गई थी। जिसकी रिपोर्ट में आरोप सही पाए जाने पर डीपीओ उदय प्रताप सिंह ने सुल्तानपुर पट्टी स्थित शिवनगर द्वितीय, प्रीतम नगर, व कनौरी प्रथम की आगंनबाड़ी कार्यकर्ता को बर्खास्त कर उनकी सेवा को समाप्त कर दिया है। इन आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यकर्ताओं पर टेक होम राशन प्राप्त राशि में वित्तीय अनियमितता, फर्जी फर्म व फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर अनियमितता करने का आरोप लगा था। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी करने का मामला सामने आ रहा है।