देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है। कोरोना से कई मौतें हो चुकी हैं। सरकार टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दे रही है। टेस्टिंग के लिए बाकायदा सीएम तीरथ सिंह रावत ने लैबों की लिस्ट और उनके प्रतिनिधियों के नंबर भी जारी किए। इन नंबरों पर लोग फोन कर रहे हैं, लेकिन सामने से जो जवाब आ रहा है, वो लोगों को निराश और परेशान करने वाला है। लोग टेस्ट तो कराना चाहते हैं, लेकिन उनका टेस्ट हो नहीं पा रहा है।
टेस्ट नहीं होने के पीछे जो सबसे बड़ा कारण है, वो यह है कि लैब संचालकों के पास टेस्टिंग किट ही नहीं है। ये हम नहीं, बल्कि लैब संचालक लोगों से कह रहे हैं। लोग उनको फोन कर टेस्ट करने के लिए घर बुला रहे हैं, लेकिन उनका जवाब है कि उनके पास टेस्टिंग किट का स्टाॅक खत्म हो गया है। हालांकि यह कितना सच है, कह पाना थोड़ा मुश्किल है। उसकी बड़ी वजह यह है कि लैब संचालक लोगों को अलग-अलग बातें कह रहे हैं। किसी से टेस्टिंग किट समाप्त होने की बात कह रहे हैं, तो किसी को यह कहकर टरका रहे हैं कि एरिया उनके कवर एरिया में नहीं पड़ता है।
देहरादून में टेस्टिंग के लिए सीएम ने जिन लैबों की लिस्ट कल जारी की। उनके पास आज टेस्टिंग किट ही नहीं बची है। इससे दिक्कत यह हो रही है कि लोगों में कोरोना जैसे लक्षण हैं, संभव हो कि उनको भी कोरोना हो, लेकिन बगैर जांच कैसे पता चले। यह बड़ा बड़ा सवाल है? ऐसे में अगर फोन काॅल करने वाले कुछ ही लोग कोरोना पाॅजिटिव हुए तो वो बड़ी संख्या में दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
बहरहाल, सरकार को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए। इसकी जांच भी हो कि क्या सच में टेस्टिंग किट समाप्त हो गई है या फिर लैब संचालक बैकलाॅग का दबाव कम करने के लिए जानबूझकर सैंपल कम ले रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि सीएम तीरथ सिंह रावत की ओर से नंबर सार्वजनिक करने के बाद ही रातों-रात अचानक किट कैसे समाप्त हो गई?