बिहार के सारण जिले के एकमा गांव की सात बहनें माता पिता का गर्व हैं. उनके परिवार और गांव की शान हैं। बता दें कि सातों बहनों ने देश की रक्षा का जिम्मा उठाया और वर्दी पहनने का फैसला किया। उनके पिता परिवार के पालन पोषण के लिए आटा चक्की चलाते हैं लेकिन बेटियों ने जो किया उससे पिता को ही नहीं बल्कि पूरे गांव को एसी बेटियों पर गर्व है।
बता दें कि बिहार के एकमा गांव में सात बहनें रहती हैं जिनका एक ही भाई है। घर-परिवार का भी जोर कि जल्दी से हाथ पीले कर दो, सात-सात बेटियों की शादी करनी है लेकिन ना तो बेटियों ने इसमे हामी भरी और ना पिता ने। बेटियों ने एक-एक कर वर्दी पहनी और राज्य पुलिस बल और अर्द्ध सैन्य बल में समाज और देश की सेवा कर रही हैं। एक अति सामान्य परिवार की लड़कियों ने खुद की जिद को साबित कर दिया। बड़ी बहन रानी और उनसे छोटी रेणु ने वर्दी पहनने को गांव में ही दौड़ लगाई। 2006 में रेणु का एसएसबी में कांस्टेबल पद पर चयन हुआ। अन्य 6 बहनों ने भी उससे सीख ली और बड़ी बहन रानी की शादी के बाद 2009 में बिहार पुलिस में कांस्टेबल चुन ली गईं।
इसके बाद अन्य पांच बहनें भी अलग अलग बलों में भर्ती हुई। बहनें ही एक-दूसरे की शिक्षक और गाइड बनीं। गांव के ही स्कूल में पढ़ीं। अभ्यास के बाद उन्होंने सफलता हासिल की। आज सातों बेटियां मैट्रिक पास पिता राजकुमार सिंह उर्फ कमल सिंह और आठवीं पास मां शारदा देवी का अभिमान हैं।
कुमारी रानी सिंह का कहना है कि मैट्रिक की परीक्षा के दौरान ड्यूटी पर लगी महिला दारोगा को देखकर पुलिस सेवा में जाने का मन बनाया। यही हम सात बहनों का टर्निंग प्वाइंट बना। वे इस समय बिहार स्पेशल आम्र्ड पुलिस, रोहतास में तैनात हैं। कुमारी पिंकी सिंह भी वहीं हैं। कुमारी रानी सिंह बीएमपी रोहतास, कुमारी रेणु सिंह एसएसबी गोरखपुर, कुमारी सोनी सिंह सीआरपीएफ दिल्ली, कुमारी प्रीति सिंह क्राइम ब्रांच जहानाबाद, कुमारी रिंकी सिंह एक्साइज पुलिस सिवान और कुमारी नन्ही सिंह जीआरपी पटना में तैनात हैं। रानी, रेणु और कुमारी सोनी की शादी हो चुकी है।