देहरादून : बीजेपी में बागियों की बगावत की आशंका से मची हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है…बीजेपी के अंदर ही अब बागियों के खिलाफ स्वर मुखर होने लगे हैं. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि हल्के फुल्के सूखे पत्ते चुनावी बयार में इधर-उधर उड़ते रहते हैं..सरकार को दबाव में नहीं आना चाहिए…तो जवाब सियासी चर्चाओं का केंद्र बने हरक सिंह रावत की ओर से आया।
आग में घी डालने से पीछे नहीं रहे त्रिवेंद्र रावत
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए मंत्री हरक सिंह रावत के बीच इन पौने पांच सालों में छत्तीस का आंकड़ा रहा है. अब जब हरक के एक बार फिर कांग्रेस में जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा तो त्रिवेंद्र रावत ने भी आग में घी डालने से पीछे नहीं रहे.
चुनावी बयार में हल्के फुल्के सूखे पत्ते इधर-उधर उड़ते रहते-त्रिवेंद्र रावत
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि चुनावी बयार में हल्के फुल्के सूखे पत्ते इधर-उधर उड़ते रहते हैं..उन्होंने कहा कि बागियों को अब मौका मिला तो उन्होंने बोलना शुरू कर दिया. उनको लगता है कि इस समय अच्छा मौका है..उनको लगता है कि इससे कुछ न कुछ लाभ मिल जाएगा..उन्होंने कहा कि पार्टी को दबाव में नहीं आना चाहिए.
त्रिवेंद्र के बयान पर हरक का पलटवार
वहीं ऐसे में त्रिवेंद्र रावत का बयान सुन हरक सिंह रावत कहां चुप रहने वाले थे। उन्होंने भी त्रिवेंद्र के बयान पर हरक सिंह रावत ने पलटवार किया..हरक ने कहा कि कुछ लोग भाग्य की खाते हैं, कुछ लोग मेहनत की..हमने ज्यादा खोदा पानी कम मिला। हरक सिंह रावत ने कहा कि कुछ लेागों ने कम खुदान किया. उनकेा ज्यादा पानी मिल गया..उन्होंने कहा त्रिवेंद्र रावत 2002 में विधायक बने तीसरी बार में सीएम बन गए.