Big News : हाईकोर्ट में कैबिनेट फैसले के विरुद्ध दायर जनहित याचिका, आज होगी सुनवाई - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

हाईकोर्ट में कैबिनेट फैसले के विरुद्ध दायर जनहित याचिका, आज होगी सुनवाई

Reporter Khabar Uttarakhand
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cm pushkar singh dhami

cm pushkar singh dhami

नैनीताल हाईकोर्ट में धामी सरकार के कैबिनेट फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने स्कूल खोले जाने के सरकार के फैसले पर एतराज जताया और स्कूल खोलने का विरोध किया है। बता दें कि आज बुधवार को इस मामले पर सुनवाई होगी। आज  उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों समेत शिक्षकों के लिए कोई बड़ी खबर हाईकोर्ट से आ सकती है।

ज्ञात हो कि 2 अगस्त से स्कूल खुल गए हैं. सरकार ने निजी और प्राइवेट स्कूलों से कोविड गाइडलाइन का पालन करने को कहा है और नियम तोड़ने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। कोविड गाइडलाइन का पालन कराने के लिए कई तरह के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं और साथ ही कई व्यवस्थाएं की है। बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट में 2 अगस्त से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोले जाने के कैबिनेट के निर्णय के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी। याचिका 29 जुलाई को दाखिल की गई, जबकि सरकार ने 31 जुलाई को एसओपी जारी की। सरकार ने आधी-अधूरी तैयारी व बिना प्लानिंग के कोविड काल में स्कूल खोल दिए

हरिद्वार निवासी विजय पाल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने आधी-अधूरी तैयारी व बिना प्लानिंग के कोविड काल में स्कूल खोल दिए हैं। याचिका में कहा कि विशेषज्ञों ने कोविड की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की संभावना जताई है और तमाम अभिभावक भी आशंकित हैं।कहा कि राज्य में वयस्कों के लिए ही स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। बच्चों के लिए तो सुविधाओं का और भी बुरा हाल है। ऐसे में सरकार के स्कूल खोलने के निर्णय से बच्चों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।

पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद कमी है। यदि बच्चे संक्रमित हो गए तो स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के साथ अभिभावकों की कमजोर माली हालत से भी स्थितियां बिगड़ेंगी। याचिकाकर्ता ने सरकार के निर्णय पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की थी। कक्षा नौ से 12वीं तक के बच्चों के लिए सरकार ने स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है। फिलहाल अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। इसके चलते स्कूल खुलने के दूसरे दिन भी बच्चों की उपस्थिति 50 फीसदी से कम रही।

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