श्रीनगर: यही माना जाता है कि गुरू अपने छात्रों को अच्छी बातें सिखाते हैं। सही रास्ते पर चलने की नसीहत देते हैं। लेकिन, हम यहां एक ऐसे प्रोफेसर के बारे में बता रहे हैं, जो अच्छी बातें तो सिखाते थे या नहीं, लेकिन अपने स्टूडेंट्स के मोबाइल फोन जरूर चोरी करते थे। प्रोफेसर साहब के काले कारनामों की पोल सीसीटीवी कैमरे में खुलकर सामने आ गई। इतना ही नहीं, उनके कमरे की तलाशी में ऐसा खुलासा हुआ, जिसकी कॉलेज प्रशासन को भी उम्मीद और अंदाजा नहीं रहा होगा।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 15 दिसंबर को परीक्षा थी। परीक्षा के दौरान जो छात्र परीक्षा में मोबाइल लेकर पहुंचे थे। उनके फोन कक्ष निरीक्षकों ने जमा करवा दिए थे। परीक्षा खत्म होने के बाद एक छात्र को उसका मोबाइल वापस नहीं मिला, तो एनोटॉमी विभाग के प्रमुख प्रो. अनिल द्विवेदी ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इस दौरान उन्होंने जो देखा, उसे देखकर वो हैरान रह गए।
उन्होंने फुटेज में कॉलेज के प्रोफेसर को मेडिकल स्टूडेंट के मोबाइल को ले जाते हुए देखा गया। बताया जा रहा है कि प्रोफेसर कॉलेज में पिछले 10 सालों से कार्यरत हैं। इसके बाद उन्होंने प्राचार्य प्रो. सीएम रावत को इस घटना के बारे में बताया फिर सभी प्रोफेसर के कमरे में गए और मोबाइल फोन के बारे में पूछा तो उन्होंने मना कर दिया। सीसीटीवी कैमरे की वीडियो दिखाने के बाद भी वह अपनी गलती नहीं मान रहे थे।
कमरे की चैकिंग की गई तो वहां 30 फोन मिले। सीनियर प्रोफेसर ने बताया कि ये फोन उनके है। लेकिन, जिस छात्र का फोन खो गया था। उसने अपना फोन पहचान लिया। प्रोफेसर पर अन्य आरोप भी हैं। अब कॉलेज प्रशासन ने सभी आरोपों की जांच के लिए कमेटी बैठा दी है। इस मामले पर प्रार्चाय का कहना है कि फोन में से पूरा डाटा डिलिट कर दिया गया है। इससे साफ है कि ये जानकर किया गया है।