चुनाव आयोग ने गुरुवार शाम अपनी वेबसाइट पर Electoral Bond से जुड़ा डेटा सार्वजनिक कर दिया है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस लिस्ट में देश की सबसे बड़ी कंपनियां, अडानी ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के नाम नहीं दिखे। बता दें कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग को हलफनामा दिया था। इस हलफनामे में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और चंदा पाने वाली राजनीतिक पार्टियों के नाम शामिल है।
कई बड़ी कंपनियों के नाम का खुलासा
चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए डेटा से इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कई बड़ी कंपनियों के नाम का खुलासा हुआ है। इनमें भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, लक्ष्मी निवास मित्तल , मेद्या इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड, वेदांता लिमिटेड, टॉरेंट पावर, अपोलो टायर्स आदि नाम शामिल है। सबसे खास बात यह है कि सार्वजनिक किए गए डेटा से यह पता नहीं चला है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को इलेक्टोकल बॉन्ड दिए।
सबसे ज्यादा चंदा देने वाली 10 कंपनी
- Future Gaming and Hotel Services PR- 1208 करोड़ रुपये
- Megha Engineering and Infrastructures Limites- 821 करोड़ रुपये
- Qwik Supply Chain Private Limited- 410 करोड़ रुपये
- Haldia Energy Limited- 377 करोड़ रुपये
- Vedanta Limited- 375.65 करोड़ रुपये
- Essel Mining and Industries Limited- 224.5 करोड़ रुपये
- Western UP Power Transmission Company Limited- 220 करोड़ रुपये
- Keventer Foodpark Infra Limited- 195 करोड़ रुपये
- Madanlal Limited- 185.5 करोड़ रुपये
- Bharti Airtel Limited- 183 रुपये