भारत के संसदीय इतिहास में आज का दिन विशेष दिन के तौर पर दर्ज हो गया है। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) पास हो गया है। लोकसभा में हुई वोटिंग में बिल के पक्ष में दो तिहाई से अधिक वोट पड़े हैं। बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े जबकि विरोध में दो पड़े। ये मतदान पर्चियों से कराया गया।
Women Reservation Bill Passed, दिन ऐतिहासिक
आपको बता दें कि कल यानी 19 सितंबर को सरकार ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) पेश किया था। इसे नारी शक्ति वंदन विधेयक के नाम से सदन के पटल पर रखा गया था। इस बिल पर आज चर्चा हुई। विपक्ष ने भी इस बिल का समर्थन किया। सुबह से लगातार चल रही चर्चा के बाद इसपर अलग अलग नजरिया सामने आया। शाम लगभग सात बजे इस विधेयक पर वोटिंग शुरु हुई। ये वोटिंग आम विधेयकों पर होने वाली वोटिंग से अलग थी क्योंकि इससे संविधान संशोधन को मंजूरी मिलेगी।
महिलाओं को संसद में मिलेगा 33 फीसदी आरक्षण
इस विधेयक के पास होने के बाद अब लोकसभा में भी महिलाओं को तैंतीस फीसदी आरक्षण मिलेगा। इसके साथ ही राज्यों की विधानसभाओं और दिल्ली की विधानसभा में महिलाओं के लिए तैंतीस फीसदी आरक्षण तय हो गया है। हालांकि उच्च सदन जैसे राज्यसभा और विधानपरिषदों में ये आरक्षण लागू नहीं होगा।
राज्यसभा से भी पास कराया जाएगा बिल
अब कल यानी गुरुवार को यह बिल राज्यसभा में पेश होगा। वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।
बिल पर चर्चा में 60 सांसदों ने अपने विचार रखे। राहुल गांधी ने कहा- OBC आरक्षण के बिना यह बिल अधूरा है, जबकि अमित शाह ने कहा- यह आरक्षण सामान्य, एससी और एसटी में समान रूप से लागू होगा। चुनाव के बाद तुरंत ही जनगणना और डिलिमिटेशन होगा और महिलाएं की भागीदारी जल्द ही सदन में बढ़ेगी। विरोध करने से रिजर्वेशन जल्दी नहीं आएगा।