संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन आज लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक यानि नारि शक्ति वंदन विधेयक पर बहस की शुरूआत हुई। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि ये मेरे पति राजीव गांधी का सपना था। इसके साथ ही उन्होनें जाति जनगणना की मांग भी की।
वहीं सोनिया गांधी ने अध्यक्ष महोदय को बोलने की इजाजत देने के लिए आभार जताया और कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ से मैं नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के समर्थन मे खड़ी हूं।
राजीव गांधी का सपना अभी भी अधूरा
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने स्त्री की महिमा का बखान करते हुए अध्यक्ष से कहा कि महोदय मेरी जिंदगी का यह बहुत मार्मिक क्षण है। पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संसोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लाए थे, लेकिन राज्य सभा में सात वोटों से गिर गया था। बाद में पीएम पीवी नरसिम्हा राव जी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने ही उसे पारित कराया। आज उसी का नतीजा है कि देशभर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। उन्होनें कहा कि राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है। इस विधेयक के पारित होने के साथ ही वह पूरा होगा।
कांग्रेस पार्टी का विधेयक को समर्थन
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस विधेयक का समर्थन करती है। हमें इसके पास होने से खुशी है, मगर इसके साथ एक चिंता भी है। उन्होनें कहा, मैं अक सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 सालों से भारतीय स्त्रियां अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही है और अब उन्हें कुछ वर्ष और इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। कितने वर्ष- 2,4,6 या 8 वर्ष? क्या भारत की महिलाओं के साथ यह बर्ताव उचित हैं?
सोनिया गांधी ने की मांग
सोनिया गांधी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मांग है कि यह विधेयक फौरन अमल में लाया जाए, लेकिन इसके साथ ही जातिगत जनगणना कराकर शेड्यूल कास्ट, शेड्यूल ट्राइब, ओबीसी की महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था की जाए। सरकार को इसे साकार करने के लिए भी जो कदम उठाने की जरुरत है, वह उठाने ही चाहिए।