कोरोना महामारी का डर कुछ लोगों के दिल और दिमाग में ऐसा बैठा है कि खुद को अपनों से भी दूर कर लिया। ऐसी ही एक खबर हरियाणा के गुरुग्राम से आई है। गुरुग्राम में एक महिला ने कोरोना के डर से खुद को अपने नाबालिग बेटे के साथ घर में तीन साल से कैद करके रखा था। पुलिस ने किसी तरह से महिला और उसके बेटे को बाहर निकाला है।
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तीन साल से घर में बंद थे मां-बेटे
बताया जा रहा है कि गुरुग्राम के एक इलाके चकरी में एक महिला ने खुद को और अपने साथ अपने नाबालिग बेटे को तीन साल के बंद कर रखा था। महिला ने इस दौरान उसने अपने पति को भी घर में घुसने की इजाजत नहीं दी। न ही बाप को बेटे से मिलने की इजाजत दी। इस दौरान मां ने अपने बेटे को पढ़ाई के लिए एक स्मार्ट फोन दिया था और उसकी पढ़ाई ऑनलाइन होती रही। महिला का पति भी बेटे से वीडियो कॉल के जरिए बात करता था।
पुलिस ने बाहर निकाला
तीन साल तक जब महिला घर से बाहर नहीं निकली तो महिला के पति ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पति की शिकायत के बाद पुलिस ने रेस्क्यू कर महिला और उसके बेटे को घर से बाहर निकाला। दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने डॉक्टरों की टीम के साथ बच्चे और महिला को रेस्क्यू किया। इसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में मनोचिकित्सक उनका इलाज कर रहे हैं। पुलिस ने इस दौरान अपने साथ डाक्टरों की टीम और चाइल्ड लाइन की टीम को भी रेस्क्यू में शामिल किया।
3 साल तक सूरज नहीं देखा, घर में बिखरा था सामान
घर में बंद महिला और उसके बेटे ने तीन साल से सूरज की रोशनी नहीं देखी थी। महिला के पति ने महिला को समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी। यहां तक कि महिला का पति काम से जब घर से बाहर निकला तो उसके बाद महिला ने अपने पति को भी घर में घुसने नहीं दिया। ऐसे में परिवार के पास रहने के लिए पति ने पास में ही एक और घर किराए पर ले लिया।
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वहीं महिला का पति हर जरूरी सामान घर के गेट तक पहुंचाता था। राशन, दूध सब कुछ महिला का पति घर के दरवाजे पर रख देता और महिला उसे अंदर कर लेती। ऐसे में घर में गैरजरूरी चीजों का अंबार लग गया था। पूरे घर में बदबू आ रही थी। बच्चे के बाल भी बढ़े हुए थे। घर में सिलेंडर खत्म होने के बाद से महिला इंडक्शन पर खाना बना रही थी।
पति समझाता रहा पर नहीं बनी बात
महिला के पति ने बताया कि पिछले काफी समय से वह पत्नी को समझाने की कोशिश कर रहा था लेकिन वह कुछ भी समझने को तैयार नहीं थी। उसका कहना था जब तक बच्चे का वैक्सीनेशन नहीं हो जाता तब तक वो घर से बाहर नहीं निकलेगी। बता दें कि अभी 12 साल तक के बच्चे का ही कोरोना वैक्सीन आया है ऐसे में महिला के बेटे का वैक्सीनेशन संभव नहीं था।
पति ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। फिर पुलिस ने रेस्क्यू कर दोनों को घर से निकाला। गुरुग्राम के चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि जिस घर में दोनों कैद थे वहां कचरों का अंबार पड़ा था। 10 साल के बेटे ने 3 साल से सूरज की रोशनी नहीं देखी थी। फिलहाल दोनों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।