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क्या कांग्रेस में एंट्री मिलने के बाद भी चुनाव नहीं लड़ेंगे हरक?

Reporter Khabar Uttarakhand
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anukriti gussain

anukriti gussain

देहरादून। भाजपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। हरक सिंह रावत ने कांग्रेस में जाने की इच्छा जाहिर की है। लेकिन कांग्रेस ने अभी तक हरक सिंह रावत की ज्वॉइनिंग नहीं की है। लेकिन खबर है कि अगर हरक सिंह को कांन्ग्रेस में एंट्री मिल भी जाती है तो उनकी मनमर्जी इच्छा पूरी कांग्रेस भी नहीं करेगी। सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस हरक या उनकी पुत्रवधु दोनों में से किसी एक को ही टिकट दे सककी है।

हरक सिंह रावत ने तमाम मीडिया को दिए बयान में एक बार नहीं बल्कि बार बार कहा कि उनको चुनाव नहीं लड़ना है वो सिर्फ बच्ची के लिए टिकट चाहते हैं जो मेहनत कर रही है। हरक सिंह रावत ने साफ तौर पर बहू के लिए टिकट मांगने की बात कही।। इससे संभावना जताई जा रही है कि हरक सिंह अपनी पुत्रवधु अनुकृति गुसांई के लिए टिकट मांगेंगे और खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे।

आपको बता दें कि जब हरक सिंह रावत को पार्टी की सदस्यता और कैबिनेट से बर्खास्त किया गया था तो उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से आने वाली है और वो पूरी जान लगा देंगे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार लाने के लिए। हरक सिंह रावत ने कहा था कि मैं अब कांग्रेस से बातचीत करूंगा और मैं कांग्रेस में ही जाऊंगा और किसी पार्टी में नहीं जाऊंगा और बिना शामिल हुए भी मैं कांग्रेस के लिए काम करूंगा। तो अगर बहू को कांग्रेस लैंसडाउन से टिकट देती है तो साफ है कि हरक सिंह डोईवाला से चुनाव नहीं लड़ेंगे।

तीन दिन बाद भी हरक सिंह रावत की कांग्रेस में एंट्री नहीं हो पाई है लेकिन खबर है कि आज हरक सिंह दिल्ली में कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। हरीश रावत उनकी ज्वॉइनिंग में रोड़ा बन रहे हैं क्योंकि हरीश रावत हरक कि 2016 को की गई बगावत को भूले नहीं हैं वो हरक के 2016 में दिए धोखे को भूले नहीं है और हरीश रावत ने साफ कहा कि अगर वो 2016 में किए गए अपराध की गलती मानते हैं तो पार्टी में उनका स्वागत है।

आज खबर है कि हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल होंगे। सवाल उठ रहा है कि क्या हरक सिंह रावत ने माफी मांग ली है या हरीश रावत ने हरक सिंह को माफ कर दिया है। इतना तय है कि हरक की कांग्रेस में एंट्री एक धड़ा नाराज होगा तो एक खुश भी होगा। बता दें कि बीते दिन कांग्रेस मुख्यालय में हरक सिंह रावत मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। इससे साफ है कि कांग्रेस असहज की स्थिति में है। खुद हरीश रावत भी उनके कांग्रेस में शामिल करने के पक्ष में नहीं है।

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