समाज के निर्माण में जितनी बड़ी भूमिका पुरुषों की होती है उतनी ही महिलाओं की होती है। समाज में महिलाओं के योगदान को उजागर करने और उनके अधिकारों के बारे में जागरुक करने के मकसद से हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसका क्या महत्व है और महिला दिवस का पर्पल दिवस से क्या कनेक्शन है।
साल 1908 में हुई थी महिला दिवस की शुरुआत
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत साल 1908 में तब हुई थी, जब अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में करीब 15 महिलाएं अपने हक के लिए सड़को पर उतरी थीं। साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में पहली बार महिला दिवस मनाया गया और 1975 को संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी और इसे मनाने के लिए 8 मार्च की तिथि निर्धारित की, तब से हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को 8 मार्च को मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व
महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान देने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना इस दिन को मनाने का मकसद है। महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए इस दिन का काफी महत्व है।
साल 2024 की महिला दिवस की थीम
इस साल 2024 में महिला दिवस की थीम इंस्पायर इंक्लुजन है। इंस्पायर इंक्लुजन का अर्थ होता है महिलाओं के महत्तव को समझने के लिए लोगों को जागरूक करना। इस थीम का अर्थ महिलाओं के लिए एक ऐसे समाज के निर्माण को बढ़ावा देना भी है जहां महिलाएं खुद को जुड़ा हुआ महसूस कर सकें। सशक्त महसूस कर सकें। अगर किसी क्षेत्र विशेष में, जैसे कंपनी में महिलाएं नहीं है, तो इंस्पायर इंक्लुजन कैंपेन के तहत मकसद यह है कि पूछा जाए कि अगर महिलाएं नहीं है तो क्यों नहीं है। अगर महिलाओं के साथ किसी तरह का भेदभाव हो रहा है तो उस भेदभाव को खत्म करना जरुरी है। अगर महिलाओं के साथ अच्छा बर्ताव नहीं होता है तो उसके खिलाफ कदम उठाना जरुरी है और यह हर बार करना जरूरी है। यही इंस्पायर इंक्लुजन है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहचान पर्पल कलर
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहचान पर्पल कलर यानी की बैंगनी रंग से होती है। पर्पल कलर न्याय और गरिमा का प्रतिक माना जाता है। इसलिए महिला दिवस के लिए पर्पल कलर को चुना गया है। यह कलर दुनियाभर की महिलाओं को एक साथ जोड़ता है। जो महिलाओं के हक व अधिकारों के लिए उन्हें जागरूक करता है। उन्हें उनकी पहचान और सम्मान के लिए आवाज बुलंद करने की ताकत देता है। न्याया भावनाओं में बंधकर महिलाएं एकता के साथ असमानता और असुरक्षा के खिसाफ सशक्त होती है। जिससे महिलाओं को समानता और सम्मान मिल सके।
ये दो रंग भी महिला दिवस के लिए चयनित
बैंगनी के साथ- साथ हरा और सफेद रंग को भी महिला दिवस के लिए चुना गया है। हरा रंग सकारात्मक और उम्मीद के लिए जाना जाता है। हरा रंग हीलिंग से भी जुड़ा होता है। हरा समानता और संबल को भी दर्शाने वाला रंग है। वही सफेद रंग शुद्धता और शांति का प्रतीक माना जाता है। साथ ही यह रंग सुकून और दृढ़ता को भी दर्शाता है। दुनियाभर में शांति और सहजता बनाए रखने में महिलाओं की भूमिका बहुत अहम मानी जाती है, इस वजह से ये रंग भी इस उत्सव का खास हिस्सा है।