उत्तराखंड में अंकिता भंडारी मर्डर केस को लेकर जहां एक ओर पूरा राज्य आक्रोशित और आंदोलित है वहीं अब सोशल मीडिया पर उत्तराखंड पुलिस के रवैए पर भी सवाल उठने लगें हैं। आरोपियों की पुलिस रिमांड न लेने के साथ ही रिजार्ट में अंकिता के कमरे को गिराए जाने पर भी सवाल उठ रहें हैं।
जिस अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे राज्य के साथ ही पूरे देश को हिला कर रख दिया उस हत्याकांड के आरोपियों को उत्तराखंड की पुलिस ने गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन हैरानी है कि उनकी पुलिस रिमांड नहीं ली। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सोशल मीडिया पर पुलिस के इस रवैए को लेकर सवाल उठ रहें हैं।
उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी ने ट्वीटर पर लिखा, ‘खबर है कि पुलिस ने अंकिता भंडारी के हत्यारों की पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी ही नहीं। इसलिए अदालत ने अभियुक्तों ज्यूडिशियल कस्टडी के तहत जेल भेज दिया। कानूनविद जानते है कि आपराधिक घटना के बाद scene recreation किया जाता है। लेकिन PCR भी नहीं, अब रिसोर्ट भी नहीं।’
खबर है कि पुलिस ने अंकिता भंडारी के हत्यारों की पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी ही नहीं। इसलिए अदालत ने अभियुक्तों ज्यूडिशियल कस्टडी के तहत जेल भेज दिया। कानूनविद जानते है कि आपराधिक घटना के बाद scene recreation किया जाता है। लेकिन PCR भी नहीं, अब रिसोर्ट भी नहीं। @AshokKumar_IPS
— Ajit Singh Rathi (@AjitSinghRathi) September 24, 2022
इस ट्वीट की रिप्लाई में कई तरह के जवाब आ रहें हैं। एक यूजर लिखते हैं,
पहले सरकार ने बुलडोज़र चलवाकर सबूत नष्ट कर दिया और अब पुलिस पूछताछ के लिए रिमांड भी नहीं माँगा ।ऐसा क्यों @pushkardhami जी?क्योंकि बलात्कारी और हत्यारा बीजेपी मंत्री का बेटा है?
— satyam shashi (@ShashiSatyam) September 25, 2022
एक अन्य यूजर लिखते हैं,
शायद यह सब कुछ पहले से सेट हो चुका है,जैसे किसानों का हत्यारा मोनू मिश्रा बाहर घूम रहा,वैसे ही कुछ दिनों बाद पुलकित भी बाहर होगा @BJP4India @BJP4UK के सत्ता रहते किसीbjpअपराधी नेता को ज्यादा दिनों तक जेल में नहीं रख सकते और न ही उसे सजा होगी,बिल्किस के11ब्राह्मण अपराधी सामने हैं।
— ved (@Aashu9249208511) September 24, 2022
यूजर्स के रिप्लाई और भी हैं,
इनसे और उम्मीद भी कर क्या सकते हैं। नियत प्रथम दृष्टया में ही देखने को मिल गया । उसके बाद 2 अलग अलग बयान एक जिला मुख्यालय से तो दूसरी प्रदेश मुख्यालय से स्थिति साफ है ।
— Girdhar Bisht (@BishtGirdhar07) September 24, 2022
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी इस मसले पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है कि, अभियुक्त को पुलिस कस्टडी के बजाए जुडिशरी ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजने का निर्णय किस स्तर पर लिया गया ?
हालांकि कुछ लोगों का कहना ये भी है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस रिमांड की मांग करेगी।