किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में गुरुवार को दिल्ली की ओर कूच किया। इसके चलते दिल्ली के सभी बॉर्डर और चौक- चौराहों पर सरुक्षा के व्यापक इंतजाम किए। दरअसल इन किसानों की मांग मुआवजा बढ़ाने की है। जब नोएडा और ग्रेटर नोएडा का अधिग्रहण हुआ था, तब इन्हें कम मुआवजा मिला था। नोएडा के 2 गांवों के किसान संसद का घेराव करना चाह रहे हैं। जिसके कारण कड़ी सुरक्षा- व्यवस्था कर दी गई है। आईये जानते हैं वो कौन सी मांगे है जिसके लिए किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
नोएडा प्राधिकरण पर बैठे किसानों की मांग
- 1997 के बाद के सभी किसानों को बढ़ी दर से मुआवजा दिया जाए। चाहे वह कोर्ट गए हो या नहीं।
- किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूखंड दिया जाए।
- आबादी जैसी है, वैसी छोड़ी जाए। विनियमितीकरण की 450 वर्गमीटर सीमा को बढ़ाकर 1000 प्रति वर्गमीटर किया जाए।
- भूमि उपलब्धता न होने के कारण पात्र किसानों के 5 प्रतिशत आबादी भूखंड भू लेख विभाग में नहीं रोके जाएंगे। उनका नियोजन किया जाए।
- भवनों की ऊंचाई को बढ़ाए जाने की अनुमति दी जाए, क्योंकि गांवों के आसपास काफी हाइराइज इमारत है। ऐसे में उनका एरिया लो लेयिंग एरिया में आ सकता है।
- 5 प्रतिशत विकसित भूखंड पर व्यावसायिक गतिविधियां चलने की अनुमति दी जाए।
- गांवों के विकास के साथ खेल बजट का प्रावधान किया जाए।
- गांवों में पुस्तकालय बनाए जाए।
एनटीपीसी पर धरना दे रहे किसानों की मांग
- एक समान दर से मुआवजा दिया जाए।
- बच्चों के लिए स्कूल और एनटीपीसी में नौकरी दी जाए।
- एनटीपीसी के प्रभावित सभी किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूमि दी जाए।
- एनटीपीसी दादरी के 5 किमी के दायरे में रहने वाले भू विस्थापित को फ्री में बिजली दी जाए।
- 200 बेड का अस्पताल बनाया जाए। दादरी में दो डिग्री कॉलेज खुलवाया जाए।