देहरादून: 2022 के चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। भाजपा लगातार तैयारियों में जुटी है। टिकट के दावेदारों को परखा जा रहा है। भाजपा हो या फिर कांग्रेस दोनों ही दल जीतने वाले प्रत्याशी को ही मैदान में उतारना चाहते हैं। गढ़ी कैंट से विधायक रहे हरबंस कपूर का निधन हो गया। यह सीट खाली हो गई है।
चुनाव में काफी कम वक्त बचा है। ऐसे में इस सीट के खाली रहने से बहुत फर्क नहीं पड़ता। लेकिन, 2022 में यहां से कौन ताल ठोकेगा, यह भाजपा के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। दरअसल, कैंट विधानसभा सीट भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट थी। इस सीट से पार्टी को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन, अब हरबंस कपूरी के जाने के बाद भाजपा इस सीट पर किस पर दांव लगाएगी, यह देखने वाली बात होगी। चुनाव में बहुत अधिक वक्त नहीं बचा है।
ऐसे में पार्टी को तय करना होगा कि हरबंस कपूर की तरह कौन जिताऊ प्रत्याशी हो सकता है। बदले समीकरणों के बीच यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोई उनके परिवार से भी चुनावी मैदान में ताल ठोक सकता है या फिर भाजपा यहां किसी बड़े चेहरे को मैदान में उतार सकता है। पार्टी यह जरूर देखेगी कि जीतने की संभावनाएं किसकी सबसे अधिक हैं। क्या उम्मीदवार परिवार का होगा या फिर पार्टी किसी दूसरे पर दांव खेलेगी।